natak sahitya ki anya vidhaon se alag kaise h ?
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Explanation:
साहित्य की दूसरी विधाओं (जैसे उपन्यास कहानी, निबंध, रेखाचित्र, यात्रावृत्तांत, महाकाव्य, खंडकाव्य, प्रगीत आदि) में लेखक या रचनाकार वर्णनात्मक, चित्रात्मक एवं संगीतात्मक भाषा के जरिए ही विषयवस्तु को प्रकट करता है, किंतु नाटक में अभिनय के जरिए विषयवस्तु (कथानक) को प्रत्यक्ष घटित होते हुए दिखलाया जाता है।
Answer:साहित्य की दूसरी विधाओं (जैसे उपन्यास कहानी, निबंध, रेखाचित्र, यात्रावृत्तांत, महाकाव्य, खंडकाव्य, प्रगीत आदि) में लेखक या रचनाकार वर्णनात्मक, चित्रात्मक एवं संगीतात्मक भाषा के जरिए ही विषयवस्तु को प्रकट करता है, किंतु नाटक में अभिनय के जरिए विषयवस्तु (कथानक) को प्रत्यक्ष घटित होते हुए दिखलाया जाता है।
व्याख्या:साहित्य की दूसरी विधाओं (जैसे उपन्यास कहानी, निबंध, रेखाचित्र, यात्रावृत्तांत, महाकाव्य, खंडकाव्य, प्रगीत आदि) में लेखक या रचनाकार वर्णनात्मक, चित्रात्मक एवं संगीतात्मक भाषा के जरिए ही विषयवस्तु को प्रकट करता है, किंतु नाटक में अभिनय के जरिए विषयवस्तु (कथानक) को प्रत्यक्ष घटित होते हुए दिखलाया जाता है। इसी अर्थ में नाटक, साहित्य की अन्य विधाओं से भिन्न है। गत्यात्मकता नाटक का प्रमुख तत्व है।