Hindi, asked by ashishnegi8360, 8 months ago

नदी जल मार्ग योजना के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।-------​

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Answered by vedant414850
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Answer:

यह जल परिवहन का एक चिरकालीन एवं महत्वपूर्ण साधन है। जलमार्ग एक पानी का नौगम्य शरीर हैं। एक या कई जलमार्ग का एक नौवहन मार्ग होते हैं। जलमार्ग मे नदियो,समुद्रों, महासागरों, और नहरें शामिल कर सकते हैं। अगर जलमार्ग को नौगम्य बनाने के लिए यह कई मापदंड से मिलने चाहिए।

प्रागैतिहासिक समय, पुरुषों और माल दोनों को ले जाने के लिए जल परिवहन का उपयोग किया गया है। जल परिवहन संभवतः जानवरों के उपयोग से पहले विकसित हो गया था क्योंकि जलमार्ग उन जगहों पर यात्रा का आसान साधन बना था जहां भूमि पर घने जंगलों ने आंदोलन में बाधा डाली थी।

नौकाओं या किसी अन्य माध्यम के उपयोग से हवा की शक्ति का उपयोग किया गया था जब पानी के परिवहन की सीमा और महत्व बढ़ गया। सबसे पहले, नावें मुख्य रूप से अंतर्देशीय जल और आश्रय तटीय क्षेत्रों के लिए छोटे और सीमित थीं।

नौकायन शिल्प के आकार और जटिलता में क्रमिक वृद्धि ने व्यापार की स्थापना की अनुमति दी। फोनिशियन, मिस्र, ग्रीक और रोम के साथ-साथ अरब और भारतीयों के पास व्यापक व्यापारिक संपर्क थे। भाप के उपयोग ने लंबी दूरी पर बड़े सामान को लाने के लिए एक नया आयाम, अधिक शक्ति और गति को जल परिवहन प्रदान किया है।

डीजल और अन्य प्रकार की शक्तियों के इस्तेमाल ने जल परिवहन के पूरे परिदृश्य को बदल दिया है और आज दुनिया भर में अधिकांश व्यापार जल-जनित है। जल परिवहन के दो सबसे बड़ा फायदे यह है कि यह महासागरों, नदियों, समुद्रों और विशेषताओं की जरूरतों का उपयोग करता है, और यह बड़े और भारी भार के लिए परिवहन का सबसे सस्ता प्रकार है।

Answered by shishir303
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जल मार्ग परिवहन बड़े व्यापार की दृष्टि से का सबसे सस्ता साधन होता है। बड़े-बड़े व्यापार के लिए जल मार्ग परिवहन सबसे सस्ता एवं सुलभ साधन है। विदेशों में बड़े-बड़े व्यापार जिनमें बड़ी मात्रा में माल ढुलाई की जाती है, वह जलमार्ग परिवहन के द्वारा ही संभव हो पाती है। जल मार्ग परिवहन के सस्ते स्वरूप के कारण भारत सरकार ने आगामी वर्षों में अनेक नदियों को जल मार्ग में बदलने की योजना बनाई है। फिलहाल केंद्र सरकार ने 101 नदियों को जलमार्ग में परिवर्तित करने की योजना बनाई है। फिलहाल देश में 5 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं जो इस प्रकार हैं ...

राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 1 : इलाहाबाद से हल्दिया के बीच गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली पर बना यह राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 1 है। इसकी लंबाई 1620 किलोमीटर है। यह भारत का पहला और सबसे लंबा जलमार्ग है।  

राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 2 : ब्रह्मपुत्र नदी में घुबरी से सदिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 2 है। इस जल मार्ग की कुल लंबाई 891 किलोमीटर है।  

राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 3 : पश्चिमी भारत में नहरों की श्रंखला को जोड़कर कोट्टापुरम से कोल्लम तक राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 3 बनाया गया है। इसकी लंबाई 205 किलोमीटर है।  

राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 4 : काकीनाडा पुदुचेरी नदी विस्तार से गोदावरी नदी विस्तार तथा कृष्णा नदी विस्तार तक राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 4 बनाया गया है। इस जल मार्ग की लंबाई 1095 किलोमीटर है। यह जलमार्ग चेन्नई बंदरगाह को काकीनाडा तथा मछलीपट्टनम बंदरगाह से जोड़ता है।  

राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 5 : बोलिए तटीय नहर प्रणाली में ब्रह्माणी तथा महानदी डेल्टा क्षेत्र को राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 5 बनाया गया है इस जल मार्ग की कुल लंबाई 630 किलोमीटर है।

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