Hindi, asked by sanikamasal, 5 months ago

नदि की आत्मकथा लिखो।​

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Answered by gautampranjal302004
4

Answer:

जब मैं दो तटों के बीच बह रही थी तो तटिनी कहने लगे और जब मैं तेज गति से बहने लगी तो लोग मुझे क्षिप्रा कहने लगे। साधारण रूप से तो मैं नदी या नहर ही हूँ। लोग चाहे मुझे किसी भी नाम से बुलाएँ लेकिन मेरा हमेशा एक ही काम होता है दुसरो के काम आना। मैं प्राणियों की प्यास बुझती हूँ और उन्हें जीवन रूपी वरदान देती हूँ।

जब मैं दो तटों के बीच बह रही थी तो तटिनी कहने लगे और जब मैं तेज गति से बहने लगी तो लोग मुझे क्षिप्रा कहने लगे। साधारण रूप से तो मैं नदी या नहर ही हूँ। लोग चाहे मुझे किसी भी नाम से बुलाएँ लेकिन मेरा हमेशा एक ही काम होता है दुसरो के काम आना। मैं प्राणियों की प्यास बुझती हूँ और उन्हें जीवन रूपी वरदान देती हूँ।please mark as BRAINLEST

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