Social Sciences, asked by VaishnaviMarskole, 2 months ago

नदी के कीस भाग में एस तरह की स्थलाकृति का निर्माण होता है। इंग्लिश में अंशार

Answers

Answered by gopeshmeena44
8
अपरदन तथा निक्षेपण पृथ्वी के बहिर्जात बल से संबंधित दो प्रक्रियाएँ हैं, जिनसे पृथ्वी पर भू-आकृतियों का निर्माण होता है। अपरदन में हवा, जल जैसे कारकों के कारण भू-आकृतियों का क्षय होता है और नई भू-आकृतियों का निर्माण होता है। उदाहरण के लिये छत्रक और पदस्थली पवन द्वारा अपरदन से निर्मित आकृतियाँ हैं। वहीं निक्षेपण की प्रक्रिया में अपरदित कण इकठ्ठा होकर भू-आकृति का निर्माण करते हैं। उदाहरण के लिये बरखान और सीफ पवन द्वारा कणों के निक्षेपण से निर्मत भू-आकृति हैं।

सामान्यतः अपरदन के बाद निक्षेपण की प्रक्रिया होता है किंतु निक्षेपित आकृतियों का भी पुनः अपरदन हो सकता है। ऐसे में अपरदन तथा निक्षेपण एक चक्रीय प्रक्रिया के तहत होते रहते हैं।

नदियों द्वारा निर्मित निक्षेपित आकृतियों को निम्न रूप में देखा जा सकता है-

जलोढ़ पंखः जब उच्च स्थलों पर बहने वाली नदियाँ अपेक्षाकृत मंद ढ़ालों वाले मैदानों में प्रवेश करती हैं तो गति के कम होने के कारण प्रवाहित होने वाले भारी कणों का वहन नहीं कर पाती है। इन भारी कणों के निक्षेपण से जलोढ़ पंख का निर्माण होता है। ढ़ाल तीव्र होने पर यह निक्षेप शंकु की आकृति में निक्षेपित होते हैं और जलोढ़ शंकु कहलाते हैं। डेल्टाः नदियाँ जब समुद्र में प्रवेश करती हैं तो अपने साथ लाये हुए मलबों का स्तरीय रूप से निक्षेपण करती है। निक्षेपण से बनने वाली शंकुनुमा आकृति को डेल्टा कहते हैं। जलोढ़ पंखों के विपरीत डेल्टा का निपेक्ष व्यवस्थित होता है। बाढ़ मैदानः बाढ़ आने पर नदियों का पानी तटबंधों का अतिक्रमण करते हुए अपने आस-पास के क्षेत्रों में फैल जाता है। बाद में बाढ़ के साथ आए हुए मलबे वहीं फैल कर बाढ़ मैदान का निर्माण करते हैं। प्राकृतिक तटबंध और विसर्पी रोधिकाः इनका संबंध भी बाढ़- मैदानों से है। बाढ़ के दौरान जल जब तटों से बाहर फैलता है, तो वेग कम होने के कारण बड़े आकार के मलबे नदी के समानांतर जमा होकर प्राकृतिक तटबंध का निर्माण करते हैं। रोधिका विसर्पीः का निर्माण नदी के उत्तल ढ़ालों पर होता है। ये प्रवाहित जल द्वारा लाए गए तटछटों के नदी किनारों पर निक्षेपण के कारण बनी हैं। नदी विसर्पः मंद ढ़ाल पर नदियों की पार्श्विक कटान की प्रवृत्ति, तटों पर जलोढ़ का अनियमित जमाव तथा प्रवाहित जल का कोरिआलिस बल के प्रभाव से विक्षेपण के कारण एक मोड़दार चैनल के रूप में नदी विसर्प का विकास होता है। गोखुर झीलः जब नदी विसर्प अंदरूनी भागों पर अपरदन के कारण कट जाते हैं तो गोखुर झील का निर्माण होता है। गुम्फित नदीः यदि प्रवाहित नदी भार का निक्षेपण उसके मध्य में द्वीप के रूप में हो जाए तो मुख्य जलधारा कई भागों में बँट कर गुंफित नदी का निर्माण करती है।
Similar questions