नदी किनारे एक शाम का वर्णन कीजिए स्वमत
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ऐसे ही कुछ यादगार पलों में एक पल एक शाम नदी के किनारे का दृश्य भी था। ... रास्ते में हम सभी नदी के विषय पर ही चर्चा करते रहे और पता ही नहीं चला कि कब हम नदी के तट पर पहुंच गए। वहां पहुंचने पर हमें अत्यंत ही आनंद की अनुभूति हुई। लहराते हुए फूल, नदी का बहता जल और चारों ओर हरियाली यें सभी हमारा मन मोह रही थी।
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मैं आज से लगभग 1 वर्ष पहले अपने कुछ मित्रों के साथ अपने गांव गया था। वहां हमने बहुत अच्छा समय बिताया और कुछ ऐसे पल भी जिसे मैं अपने पूरे जीवन काल में कभी नहीं भूल पाऊंगा। ऐसे ही कुछ यादगार पलों में एक पल एक शाम नदी के किनारे का दृश्य भी था। मुझे आज भी अच्छे से याद है हम सबने उस दिन तय किया था कि आज की शाम नदी के किनारे पर ही बिताएंगे क्यूंकि ये अनुभव हमें शहर की चकाचौंध में नहीं मिलने वाला था। शाम होते ही हम सभी योजना के अनुसार घर से नदी के तट की ओर चल दिए।रास्ते में हम सभी नदी के विषय पर ही चर्चा करते रहे और पता ही नहीं चला कि कब हम नदी के तट पर पहुंच गए। वहां पहुंचने पर हमें अत्यंत ही आनंद की अनुभूति हुई। लहराते हुए फूल, नदी का बहता जल और चारों ओर हरियाली यें सभी हमारा मन मोह रही थी। हम सभी के मुख पर एक अलग प्रकार की प्रसन्नता का भाव था जिसमें हंसी तो नहीं थी परंतु मन में इतना सुकून जो शायद ही बचपन के अलावा कभी मिला हो।