नदी में मूर्ति विसर्जन की जगह लोगों को कुछ अन्य विकल्प के सुझाव
दीजिए। इसके लिए आप अपने बड़ों की सहायता भी ले सकते है।
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नदियों में मूर्ति विसर्जन से नदियां प्रदूषित हो रही हैं। मूर्तिंया बनाने में अनेक तरह के रसायनों का भी इस्तेमाल होता है, जो नदी के पानी को जहरीला बनाते है, जिससे नदी के जीव-जंतु पर दुष्प्रभाव पड़ता है। नदियों मे मूर्ति विसर्जन की जगह जगह निम्नलिखित उपाय आजमायें जा सकते हैं...
- मूर्ति विसर्जन के समय किसी मैदान में गढ्ढा खोदकर कृत्रिम तालाब बनाए जाएं और उन तालाबों में मूर्तियां विसर्जित की जाएं।
- जब सारी मूर्तियां विसर्जित हो जायें तो उन तालाबों को पाट दिया जाये।
- सारी मूर्तियां इको फ्रेंडली बनाई जाए जो पर्यावरण के अनुकूल हों और जो पानी में शीघ्र ही गल जाती हो।
- मूर्तियां मिट्टी आदि से बनाई जाएं। प्लास्टिक आदि पदार्थों से नहीं जो गलते नहीं है।
- मूर्तियां बनाने में रसायनों का कम से कम उपयोग हो। इस तरह मिट्टी से बनी मूर्तियां जब इन तालाबों में विसर्जित की जाएंगी तो उसके पानी में आसानी से घुल जाएंगी।
इन उपायों से नदियां को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
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नदी में मूर्ति विसर्जन की जगह लोगों को कुछ अन्य विकल्प
Explanation:
नदियों में बड़ी मात्रा में मूर्तियों को विसर्जित करने से जल प्रदूषण होता है।
- हालांकि, हम अभी भी प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना अपने त्योहारों को एक जिम्मेदार तरीके से मना सकते हैं।
- हम बिना किसी रासायनिक रंग या सजावट के शुद्ध मिट्टी से बनी मूर्तियों का उपयोग कर सकते हैं।
- हम बहुत बड़े लोगों के बजाय छोटे आकार में मूर्तियों का उपयोग कर सकते हैं।
- हम बीज गणेश का उपयोग कर सकते हैं जहां मूर्ति को विसर्जित करने के बजाय एक पेड़ लगाने के लिए दफन किया जा सकता है।
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