नदियों को बचपन की बातें याद करने का अवसर कहां मिलता है ?
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नदियों को बचपन की बातें याद करने का अवसर समुद्र में मिलता है
Explanation:
yahi h answer to explain karne ki kya zarurat am I right
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नदियों को बचपन की बातें याद करने का अवसर समुद्र में मिलता है।
- प्रस्तुत प्रश्न हिमालय की बेटियां पाठ से लिया गया है।
- इस पाठ के लेखक है नागार्जुन।
- लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों का मानवीकरण किया है।
- लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों गंगा, जमुना व सतलुज को हिमालय की बेटियां कहकर संबोधित किया है ।
- लेखक को ये नदियां अपनी सी लगती है क्योंकि इन नदियों से लेखक को बहुत लगाव है, वे बचपन से इन नदियों के साथ खेले है। ये नदियां लेखक को अपनी मासी, दादी व नानी की तरह ही लगती है क्योंकि बचपन से ही इनकी गोद में खेले है।
- ये नदियां जब पहाड़ों से गुजरती है तो दुबली पतली होती है व बहुत शांत लगती है लेकिन ये नदियां जैसे ही समतल मैदान में पहुंचती है ये विकराल रूप धारण कर लेती है । इनका आकार विशाल हो जाता है। यह देखकर लेखक हैरान हो जाता है क्योंकि लेखक ने हमेशा उन्हें दूर से ही देखा है , इन नदियों को इतना समीप से देखने का मौका उन्हें पहली बार मिला था।
- लेखक कहते है कि ये नदियां समतल मैदानों में बहती हुई समुद्र में जाकर मिलती है तथा वहीं उन्हें बचपन की बातें याद करने का अवसर मिलता है।
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