नदियों को मां मानने की परंपरा हमारे यहां काफी पुरानी है, लेकिन लेखक नामजून उन्हें और किन रूपों में देखते हैं?
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लेखक नदियों को मां, बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते हैं।
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नदियों को माँ मानने की परम्परा हमारे यहाँ काफ़ी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं? उत्तर : नदियों को माँ मानने की परम्परा हमारे यहाँ काफ़ी पुरानी है लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते हैं।
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