Hindi, asked by rashmitadalachhatra, 6 months ago

नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफ़ी पुरानी है। लेकिन लेखक
नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं?​

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Answered by Anonymous
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नदियों को माँ मानने की परंपरा भारतीय संस्कृति में अत्यंत पुरानी है। नदियों को माँ का स्वरुप तो माना ही गया है लेकिन लेखक नागार्जुन ने उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते है।

Answered by atulyapathak09
0

Answer:

नदियों को माँ स्वरूप तो माना हो गया है लेकिन लेखक नागार्जुन ने उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूप में भी देखा है।

Explanation:

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