Hindi, asked by pushkalkamboj2, 14 days ago

नदियों के पर्वतीय स्वरूप का वर्णन कीजिए class 7th ncert​

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Answered by annukushwaha485001
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Answer:

भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिंधु (सिन्धु) तथा गंगा (गङ्गा) नदी की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं - सिंधु (सिन्धु) घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेंद्रण (संकेन्द्रण) नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से संबद्ध (सम्बद्ध) है।

और जब नदियाँ किसी पर्वत से निकलकर सभी दिशाओं में बहती हैं, तो इसे अरीय (Radial) प्रतिरूप कहा जाता है। अमरकंटक पर्वत श्रृंखला से निकलने वाली नदियाँ इस अपवाह प्रतिरूप के अच्छे उदाहरण हैं। या 'जल-संभर' (watershed) कहते हैं।

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