Hindi, asked by Akish12Riyan, 7 hours ago

'नदिया सींचे खेत को, तोता कुतरे आम। सूरज ठेकेदार-सा, सब को बाँटे काम।।' का भावार्थ ।

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Answers

Answered by deveshkumar9563
1

Explanation:

Too Hazar Bar Bhi Roothe To Mna Lunga Tujhe

Magar Dekh Mohabbat Me Shamil Koi Dusra Na Ho

तू हज़ार बार भी रूठे तो मना लूँगा तुझे

मगर देख मोहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो

किस्मत यह मेरा इम्तेहान ले रही है

तड़प कर यह मुझे दर्द दे रही है

दिल से कभी भी मैंने उसे दूर नहीं किया

फिर क्यों बेवफाई का वह इलज़ाम दे रही है

Mare To Lakhon Hongey Tujhpar

Main To Tere Saath Jeena Chhaahta Hun

मरे तो लाखों होंगे तुझ पर

मैं तो तेरे साथ जीना चाहता हूँ

Answered by prabhgillbahrain
9

Answer:

कवि धार्मिक सद्भावना का संदेश बाँटते हुए कहते हैं कि जिस प्रकार नदियाँ धर्म न देखकर सभी प्रकार की जाति तथा धर्म को मानने वाले लोगों में समान रूप से पानी का वितरण करती है और खेतों को सींचती है। तथा तोते भी आम के बाग में जाकर आम कुतरते हैं। वे यह नहीं देखते कि आम के बाग किस धर्म के हैं। उन्हें तो बस आम के बाग में आम से मतलब होता है, वैसे ही सूरज भी समान भाव से संसार के समस्त प्राणियों को जगाकर उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। हमें चाहिए इनसे सीख लें और धर्मिक भेदभाव को दूर करके सभी को अपना भाई ही समझें

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