Hindi, asked by anantbhardwaj5975, 1 month ago

_"नद्यः_" सुस्वादुतोयाः भवन्ति | के सुस्वादुतोयाः भवन्ति ? काः सुस्वादुतोयाः भवन्ति ? कः सुस्वादुतोयाः भवन्ति? कस्याःसुस्वादुतोयाः भवन्ति ?

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Answered by manishadhiman31
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Answer:

प्रस्तुत श्लोक के माध्यम से कहा गया है कि जब किसी गुणवान व्यक्ति के व्यक्तित्व में कुछ और नए गुण आते हैं तो वे उसके गुणों में ही मिलकर उसके गुणों के स्तर को और भी अधिक बढ़ा देते हैं।

Explanation:

सुस्वादुतोयाः नद्यः प्रभवन्ति, परं (ता:) समुद्रम् आसाद्य अपेयाः भवन्ति। शब्दार्थ : गुणज्ञेषु = गुणियों में निर्गुणं = निर्गुण/गुणहीन को। प्राप्य = प्राप्त करके/पहुँचकर।

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