Hindi, asked by vedikaadhikari2, 10 months ago

नवाब साहब के सामने की बर्थ पर बैठ कर लेखक ने आँखे चुरा ली थी​

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Answered by shishir303
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नवाब साहब के सामने की बर्थ पर बैठकर लेखक ने आँखें इसलिए चुरा ली थी क्योंकि लेखक ने जैसी डब्बे में कदम रखा तो नवाब साहब की आंखों में नाराजगी और अनमनापन सा झलकने लगा था। वह लेखक के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक नहीं थे। लेखक ने इसे अपना अपमान समझा। लेखक ने नवाब साहब के रुखे व्यवहार को देखकर और स्वयं के प्रति अनादर का भाव देखा अपने सम्मान की रक्षा के लिए लेखक ने सामने की बर्थ पर बैठकर आँखें चुरा लीं।

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