Hindi, asked by guptamanmohan341, 8 months ago

नवाब साहब खीरों की फांकों को खिड़की से बाहर फेंकने से पहले नाक के पास क्यों लेकर



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अनजाने में

खीरे की अच्छाई जाने के लिए

खीरे की सुगंध का आनंद लेकर तृप्ति के लिए

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Answered by singhmegha536
2

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What is your question?

1

jatinderk2596

19.10.2019

Hindi

Secondary School

+10 pts

Answered

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों केउत्तर लिखिए-

नवाब साहब ने खीरे की सब फाँकों को खिड़की के बाहर फेंककर तौलिए से हाथ और होंठ पोंछ लिए और गर्व से गुलाबीआँखों से हमारी ओर देख लिया, मानो कह रहे हों- यह है खानदानी रईसों का तरीका !

नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए। हमें तसलीम में सिर खम कर लेना पड़ा- यह है खानदानी तहज़ीब, नफ़ासत और नज़ाकत ! हम गौर कर रहे थे, खीरा इस्तेमाल करने के इस तरीके को खीरे की सुगंध और स्वाद की कल्पना से संतुष्ट होने का सूक्ष्म, नफ़ीस या एब्सट्रेक्ट तरीका जरूर कहा जा सकता है, परंतु क्या ऐसे तरीके से उदर की तृप्ति भी हो सकती है ? नवाब साहब की ओर से भरे पेट के ऊँचे डकार का शब्द सुनाई दिया और नवाब साहब ने हमारी ओर देखकर कह दिया, 'खीरा लज़ीज़ होता है, लेकिन होता है सकील, नामुराद मेदे पर बोझ डाल देता है।'

Answered by sanjaynj4
2

Answer:

answer D is correct

Explanation:

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