नवाब साहब ने अकेले डिब्बे में समय काटने के लिए क्या किया और लेखक के आगमन से उन्हें क्या परेशानी हुई
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नवाब साहब ने लेखक को आदाब-अर्ज़ कर खीरा खाने के लिये कहा। इस कथन से नवाब साहब की शराफत और तहज़ीब का पता चलता हैं। वे चीजें बांट कर खाने की आदत भी रखते हैं।
लेखक एक कल्पनाशील व विचारवान व्यक्ति है। वे बिना विचार के कहानी लिखने में माहिर हैं। वह अनुमान लगाता है कि नवाब साहब खीरे खाने का शौक रखते हैं और अकेले सफर का वक्त काटने के लिये ही खीरे खरीदे होंगे।
खाली समय में लेखक को कल्पना करने की आदत थी। तरह-तरह के नए-नए विचार उनके मन में उत्पन्न होते रहते थे। वह नवाब साहब की असुविधा व संकोच के कारण का अनुमान लगाते हुए सोचता है कि किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीदा होगा।
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Answer:
नवाब साहब ने अकेले समय करने के लिए खीरे काटे उन्न पर नमक मिर्च लगाया था।लेखक के आ जाने से उन्हें अपनी नवाबी याद आ जाती है और वो खीरा खाना तुच्छ समझते है।
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