Nava Bharat Ne dawai Mari Kalpana
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नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के 86 वर्षीय पिता बनारसी लाल चावला ने कहा कि अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना केवल उनकी बेटी नहीं थी, बल्कि वह पूरे भारत और अमेरिका की बेटी थीं। बनारसी लाल चावला ने अपनी बेटी को याद करते हुए कहा, ‘‘करनाल से लेकर कैलिफोर्निया तक लोग (कल्पना) उन्हें प्यार करते थे और उनके निधन के बाद ही मुझे पता चला कि उन्होंने कितने लोगों के दिलों में जगह बनाई और कितनों को प्रेरित किया था। कल्पना केवल मेरी बेटी नहीं थी, वह पूरे भारत और अमेरिका की बेटी थी।’’ कल्पना चावला के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री बृहस्पतिवार को मुंबई फिल्मोत्सव में दिखाई गई। ‘नैट जियो’ के अधिकारियों ने बताया कि ‘मेगा आइकन्स’ टीवी सीरीज के तहत अंग्रेजी और हिंदी में ‘नेशनल जियोग्राफिक’ द्वारा निर्मित 45 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में कल्पना चावला के जीवन से रु-ब-रु कराया गया है। इसमें उनके माता-पिता और निकट मित्रों के साक्षात्कार दिखाए गए हैं। बनवारी लाल ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि कल्पना के काम से पूरी दुनिया को लाभ ले।’’ उन्होंने कहा कि यह फिल्म भावी पीढ़ी को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करेगी। कल्पना का जन्म 1962 में करनाल में हुआ था और 2003 में कोलंबिया अंतरिक्ष यान हादसे में उनका निधन हो गया था। उनके साथ चालक दल के अन्य छह सदस्यों की भी मौत हो गई थी। कल्पना को याद करते हुए भावुक हुए उनके पिता ने कहा, ‘‘सितारे ही उनकी बेटी के साथी थे। उन्हें अंतरिक्ष इतना आकर्षित करता था कि नासा में चुने जाने के बाद वह मजाक में कहा करती थीं कि एक दिन बाह्य अंतरिक्ष में उनका अपहरण हो जाएगा।’’