Hindi, asked by khkaushal92, 1 year ago

नव किसलय से फूटी लाली पंकित का आशय स्पष्ट कीजिए​

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Answered by bhatiamona
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Answer:

ये पंक्तियां ‘मनभावन बसंत’ कविता की हैं।

इन पंक्तियों का भावार्थ इन पंक्तियों के पूर्ण किए बिना नहीं स्पष्ट हो पाएगा। यह पूरी

पंक्तियां इस प्रकार हैं...

नव किसलय से छूटी लाली अंतर्मन छू जाती है।

कल-कल स्वर में बहती सरिता सबके मन को भाती है।

अर्थात कवि कहता है कि फूलों की नन्ही-नन्ही कलियां चारों तरफ खिल कर अपनी मंद-मंद मुस्कान बिखेर रही हैं, जिसने सबके मन को गहराई तक छू लिया है। धीमे-धीमे बहती हुई नदी के पानी के बहने की मधुर ध्वनि सबको अच्छी लग रही है।

Answered by abhinavyadav55667
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Answer:bxkzhzlzjzbxn offefs jejdhlddjbndhjx

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