नवनिर्माण इस कविता का सारांश लिखित
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➲ नवनिर्माण इस कविता का सारांश इस प्रकार है...
‘नवनिर्माण’ कविता त्रिलोचन कवि ‘त्रिलोचन’ द्वारा रचित कविता है, जो उनके काव्य संग्रह ‘चुनी हुई कविताएं’ से ली गई है। इस कविता के माध्यम से कवि ने मनुष्य को जीवन में प्रेरणा देने का कार्य किया है।
इस कविता में कवि मनुष्य को विश्वास प्राप्त करने की प्रेरणा देते हैं। वह कहते हैं कि एक बार जिसे विश्वास रूपी बल मिल गया वह मनुष्य बड़े से बड़ा कार्य कर सकता है।
मनुष्य कितना भी बड़ा क्यों ना बन जाए। कितने भी उड़ाने भर ले, लेकिन उसे एक ना एक दिन धरती पर आना ही है अर्थात उसे अपनी जड़ें कभी नहीं छोड़नी चाहिए। कवि मनुष्य से संघर्ष करने का आह्वान करते हुए कहते हैं कि अंधेरे से डर जाने से प्रगति का द्वार बंद होता है। कठिनाइयों का सामना करने से ही संघर्ष पर विजय पाई जा सकती है।
हमें जो शक्ति प्राप्त हुआ है उसका हमें दुरुपयोग ना करना चाहिए बल्कि पीड़ित और सताये व्यक्तियों की रक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए बल का सदुपयोग करना चाहिए, तभी उस शक्ति की सार्थकता है। जिस व्यक्ति को अपने मंजिल की जानकारी होती है, वह व्यक्ति मार्ग में आने वाली किसी भी कठिनाई की परवाह नहीं करता।
कवि लोगों से प्यार मोहब्बत से रहने का भी आह्वान करते हैं और जीवन को हंसते-खेलते-गाते बिताने का सुझाव देते हैं। कवि नर नारी समानता की बातें करते हैं और स्त्री और पुरुष दोनों को मिलकर सामाजिक समस्याएं निपटाने के लिए आह्वान करते हैं। कवि वर्तमान और अतीत की बात करते हुए कहते हैं बीता हुआ समय अच्छा था और वर्तमान भी अच्छा है और आने वाले भविष्य में भी हम अच्छे हो जाएंगे।
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