History, asked by biradarshivaraj04, 5 months ago

नवरोज़ essay in hindi​

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Answered by taherprimaswala
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Explanation:

तीन हज़ार साल पहले जिस दिन ईरान में शाह जमशेद ने सिंहासन ग्रहण किया उसे नया दिन या नवरोज़ कहा गया. यह दिन जरथुस्त्र (Zarathustra) वंशियों का नए वर्ष का पहला दिन माना जाने लगा. यह त्यौहार विश्व के कई हिस्सों में समान हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जैसे ईरान, इराक, बरहीन, लेबनान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान आदि. भारत में भी यह दिन पारसियों का नया दिन माना जाता है.

पारसी लोग नवरोज फारस के राजा जमशेद की याद में मनाते हैं जिन्होंने पारसी कैलेंडर की स्थापना की थी. पारसी लोग मानते हैं कि इस दिन पूरी कायनात बनाई गई थी. पारसी लोग नववर्ष के दिन विशेष पकवान बनाते हैं. इनमें मीठा रवा, सिवई, पुलाव, मछली तथा अन्य व्यंजन बनाए जाते हैं. इस दिन घर आने वाले मेहमानों का स्वागत गुलाब जल छिड़कर किया जाता था.

पारसी परंपरा के अनुसार इस दिन लोग मेज पर कुछ पवित्र वस्तुएं रखते हैं. इनमें जरथुस्त्र की तस्वीर, मोमबत्ती, दर्पण, अगरबत्ती, फल, फूल, चीनी, सिक्के आदि शामिल हैं. माना जाता है कि इससे परिवार के लोगों की आयु और समृद्धि बढ़ती है.

नवरोज के दिन पारसी परिवार अपने उपासना स्थलों पर जाते हैं. इस दिन उपासना स्थलों में पुजारी धन्यवाद देने वाली प्रार्थना करते हैं जिसे जश्न कहा जाता है. इस दिन पवित्र अग्नि को लोग चंदन की लकड़िया चढ़ाते हैं. प्रार्थना के बाद पारसी लोग एक-दूसरे को साल मुबारक कहते हैं.

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