naxalvad ek samasya in hindi in a short para
Answers
Answered by
3
# Ur Ans
हमारे देश में आतंकवाद और नक्सलवाद बहुत गंभीर समस्याएं हैं। नक्सली उच्च पहाड़ी इलाकों और घाटियों में रहते हैं। नक्सलवाद आतंकवाद का एक प्रकार है
नक्सलवादी लोगों से टैक्स वसूलते हैं, तथाकथित वर्ग शत्रुओं का सफाया करते हैं और अपनी अदालतें बैठाकर तथाकथित न्याय करते हैं। वे जंगल-वारफेयर में बार-बार अपनी श्रेष्ठता साबित कर चुके हैं और कई बार जेलों पर हमले करके अपने साथियों को छुड़ा ले गए हैं। इन्हीं नक्सलियों ने 2009 में लालगढ़ में पश्चिम बंगाल की वामपंथी सरकार को अपनी ताकत दिखाई थी। आज राज्य की नई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जंगलमहल के नक्सलवादियों-माओवादियों से बातचीत के लिए याचना कर रही हैं।
पहले भी कई बार नक्सलियों से हथियार रखने और बातचीत करने की अपीलें की गई हैं, मगर बात प्रायः नहीं बनती। अब तो चीन के कम्युनिस्ट नेता माओ त्से तुंग की विचारधारा से प्रेरणा लेकर नक्सलवादी खुलेआम सशस्त्र क्रांति की बात करने लगे हैं, हालाँकि खुद चीन में आज माओ का नाम लेने वाले विलुप्त होते जा रहे हैं। इसे समझा जाना चाहिए।
नक्सलवाद 1967 के आसपास पश्चिम बंगाल के नक्सलवाड़ी जिला दार्जिलिंग नामक स्थान से शुरू हुआ था, जब चारू मजूमदार और कनु सान्याल जैसे मार्क्सवादियों ने भूस्वामियों की जमीन उन्हें जोतने वाले खेतिहर मजदूरों को सौंपने की माँग की। उस समय सीपीएम मुख्यमंत्री अजय मुखर्जी (कांग्रेस) की सरकार में शामिल हो गई थी और ज्योति बसु उप-मुख्यमंत्री बनाए गए थे। कनु सान्याल ने भूस्वामियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किए और यह उम्मीद की कि सरकार में चूँकि सीपीएम शामिल है, इसलिए आंदोलनकारियों का कुछ नहीं बिगड़ेगा।
✌☺✌
Answered by
1
नक्सलवाद देश की एक बड़ी समस्या है, लेकिन ये जानने की कोशिश कभी नहीं की गई की आखिर नक्सलवाद है क्या और आखिर इसका जन्म कैसे हुआ। जानिए क्या है नक्सलवाद और इसके पीछे का मर्म|
भारत में नक्सली हिंसा की शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से हुई थी। शुरू शुरू में तो पुलिस ने इस विद्रोह को कुचलने की कोशिश की, लेकिन दशकों बाद इस आंदोलन ने झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में अपना प्रभुत्व कायम कर लिया।
सत्ता के खिलाफ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल के सशस्त्र आंदोलन का नाम है नक्सलवाद। ये आंदोलन 1967 में पश्चिम बंगाल के गांव नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ था। मजूमदार चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग के बड़े प्रशंसकों थे और वो मानते थे कि भारतीय मजदूरों और किसानों की दुर्दशा के लिए सरकारी नीतियां जिम्मेदार हैं।
भारत में नक्सली हिंसा की शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से हुई थी। शुरू शुरू में तो पुलिस ने इस विद्रोह को कुचलने की कोशिश की, लेकिन दशकों बाद इस आंदोलन ने झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में अपना प्रभुत्व कायम कर लिया।
सत्ता के खिलाफ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल के सशस्त्र आंदोलन का नाम है नक्सलवाद। ये आंदोलन 1967 में पश्चिम बंगाल के गांव नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ था। मजूमदार चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग के बड़े प्रशंसकों थे और वो मानते थे कि भारतीय मजदूरों और किसानों की दुर्दशा के लिए सरकारी नीतियां जिम्मेदार हैं।
Similar questions