Naye swarg ka pratham charan
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नई स्वर्ग का प्रथम चरण....पंक्तियाँ ‘गिरिजा कुमार माथुर’ द्वारा रचित एक कविता की पंक्तियां हैं। इस कविता के माध्यम से कवि ने 15 अगस्त को मिलने वाली स्वतंत्रता की बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।
कवि ने संकल्पना की है कि हमें जो स्वतंत्रता मिली है वह हमें एक नए स्वर्ग का प्रथम चरण है अर्थात यह स्वतंत्रता हमारे लिए स्वर्ग है और यह स्वर्ग का प्रथम चरण है... आगे भी बहुत सारे चरण हैं। इसके लिए हमें इस स्वतंत्रता को संभाल कर रखना होगा और देश का नए सिरे से नव-निर्माण करना होगा। तभी हम स्वर्ग के आगे के चरणों को हासिल कर पाएंगे। वर्षों की दासता से हमारे देश को जो नुकसान हुआ है उसके दुष्प्रभाव से अभी तक हम मुक्त नहीं हो पाए हैं। हमें इस दुष्प्रभावों से निकलकर स्वयं को खड़ा करना है।
हे देश के रखवाले अब तुम्हारे हाथ में है कि तुम इस स्वतंत्रता को संभाल कर रखते हुये देश के नव निर्माण में जुट जाओ। अभी बहुत आगे बहुत कठिन डगर है भले ही अंग्रेज चले गए, लेकिन उनकी स्मृतियां अभी भी बाकी है। वे हमारे समाज को खोखला कर गए हैं, हमारे समाज को कमजोर कर गए हैं, हमें स्वयं को मजबूत करना है, और फिर उठ कर खड़ा होना है और एक नए भारत का निर्माण करना है। सावधान हो जाओ यह देश के रक्षकों, ये देश अब तुम्हारे हाथों में है।
Aj ki.rat.pahrua arth.bataye
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