NCERT class 6th Hindi Chapter 11 solutions
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4
1. 'जन लोग के पास आँखह,वेसचमुच बहत कम देखतेह'- हेलेन केलर को ऐसा य लगता था?
उ$र:- एक बार हेलेन केलर क& ि(य िम) जंगल मघूमनेगई थी। जब वह वापस लौटी तो हेलेन केलर नेउससेजंगल के बारेम
जानना चाहा तो उसक& िम) नेजवाब िदया िक कुछ खास नह2 तब उस समय हेलेन केलर को लगा िक सचमुच जनके पास आँख
होती ह, वेबहत ही कम देखतेह। हेलेन को ऐसा इसलए महसूस हआ िक उ4ह(कृित क& व6तुओं को छूनेसेइतना आनदं आता
हैतो दिुनया के सुंदर रगं उनक& िम) क& संवेदना को छू य नह2 पाए।
2. '(कृित का जाद'ूिकसेकहा गया ह?ै
उ$र:- (कृित के अनमोल खजानेको, उसके अनमोल स:दय;और उसमहोनेवालेिन=य-(ितिदन बदलाव को '(कृित का जाद'ू
कहा गया हैजसमऋतुओं का बदलना , वसंत मफूल का खलना ,बाग मपेड़ पर बठैेपAी , कालीन के समान फैलेहए घास के
मदैान आिद सBCमलत ह।
3 . कुछ खास तो नह2'- हेलेन क& िम) नेयह जवाब िकस मौके पर िदया और यह सुनकर हेलेन को आDचय; य हआ?
उ$र:- एक बार हेलेन केलर क& ि(य िम) जंगल मघूमनेगई थी।जब वह वापस लौटी तो हेलेन केलर नेउससेजंगल के बारेम
जानना चाहा तब उसक& िम) नेजवाब िदया िक उसनेकुछ खास नह2 देखा ।
यह सुनकर हेलेन केलर को बहत आDचय;हआ िक लोग कैसेआँखहोकर भी नह2 देखतेह यिक वेतो आँखन होनेके बावजूद
भी (कृित क& बहत-सारी चीज़ को केवल 6पश;सेही महसूस कर लेती ह।
4. हेलेन केलर (कृित क& िकन चीज़ को छूकर और सुनकर पहचान लेती थ2? पाठ पढ़कर इसका उ$र लखो।
उ$र:- हेलन केलर भोज-प) के पेड़ क& िचकनी छाल और चीड़ क& खरुदरी छाल को 6पश;सेपहचान लेती थी। वसंत के दौरान वे
टहिनय मनई कलय , फूल क& पंखिुडय क& मखमली सतह और उनक& घुमावदार बनावट को भी छूकर पहचान लेती थ2। वे
िचिड़या के मधुर 6वर को भी सुनकर पहचान लेती थ2।
5. 'जबिक इस िनयामत सेिज़दं गी को खिुशय के इ4Jधनुषी रगं सेहरा-भरा जा सकता ह।ै' - तुCहारी नज़र मइसका या अथ;हो
सकता ह?ै
उ$र:- LिM हमारेशरीर का कोई साधारण अंग नह2 हैबBOक यह तो ईDवर (द$ िनयामत ह।ै इसके ज़Pरए हम (कृित िनिम;त और
मानव िनिम;त हर एक व6तुका आनदं उठा सकतेह। ईDवर के इस अनमोल तोहफ़े सेहम अपना जीवन खिुशय सेभर सकतेह
अत: हमईDवर का शुRगुज़ार होतेहए इसक& कJ भी करनी चािहए।
6. आज तुमनेअपनेघर सेआतेहए बारीक& से या- या देखा-सुना? िम) के साथ सामूिहक चचा;क&जए।
उ$र:- रोज़ क& तरह आज भी मपदै ल ही अपनेघर जा रही थी। िवSालय के फाटक सेबाहर िनकलतेही मुझेबाहर बठै नेवाले
खोमचेवाल क&,बUच को अपनेसामान क& ओर आकिष;त करनेवाली आवाज़सुनाई पड़2। आगेबढ़नेपर रा6तेपर कार,
साइिकल, Pर शा, बस क& एक-दसू रेसेआगेिनकलनेक& होड़ िदखाई पड़ी। उनसेबचकर जब मआगेमुड़कर मेरेघर क& ओर जाने
वाली शांत सड़क पर िनकली तो मुझेसड़क के दोन ओर लगेगुलमोहर, अशोक और आम के पेड़ के झूमनेसेठंडी हवाओं का
6पश;महसूस हआ। इ4ह2 पेड़ पर कुछ न4ह2 िगलहPरयाँभी रहती हजो सर;सेनीचे-ऊपर आ-जा रही थ2 । थोड़ेसमय तक म
इनक& इस R&ड़ा मखो-सी गई पर4तुिफर माँका Wयान आतेही मदौड़कर घर क& ओर चल पड़ी।
7. कान सेन सुननेपर आस-पास क& दिुनया कैसी लगती होगी? इस पर िटXपणी लखो और साथय के साथ िवचार करो।
उ$र:- ईDवर (द$ शारीPरक अंग मकान भी शरीर का एक महYवपूण;अंग ह।ै इसके काम न करनेपर हमबाहरी दिुनया बड़ी ही
अजीब-सी लगती होगी। हमारेलए िवचार का आदान-(दान करना मुBDकल हो जाएगा यिक हम न तो िकसी क& बात समझ पाएँग
और ना ही िकसी को अपनी बात समझा पाएँग।
8. कई चीज़ को छूकर ही पता चलता ह,ै जसै े- कपड़ेक& िचकनाहट या खरुदरापन, प$य क& नस का उभार आिद। ऐसी और
चीज़ क& सूची तयै ार करो जनको छूनेसेउनक& खासयत का पता चलता ह।ै
उ$र:- अखरोट का खरुदरुापन, फूल को छूनेसेउनका मखमली अहसास, घास को छूनेसेहोनेवाला नरम अहसास।
9. हम अपनी पाँच इिंJय मसेआँख का इ6तेमाल सबसेZय़ादा करतेह। ऐसी चीज़ के अहसास क& तालका बनाओ जो तुम
बाक& चार इिंJय सेमहसूस करतेहो -
सुनना, चखना, सँूघना, छूना।
उ$र:-
सुनना (कान) चखना (जीभ) सँूघना (नाक) छूना (=वचा)
कक;श Wविनयाँ- कुछ पशु-(ािणय क& आवाज़ िमठास-फल, िमठाई
सुगधं - इ), फूल क&
खशु ब,ूखाS पदाथ;
गम;- दधू , चाय या
अ4य पेय पदाथ;
मधुर-Wविनयाँ-कोयल क& बोली, पिAय क&
चहचहाहट , गीत और संगीत के मधुर 6वर
कटु6वाद - करले ा,
दवाइयाँ
दगु\ध - गदं ा नाला ठंडा - बफ़; , शरबत
तीखा, नमक&न 6वाद -
िमच;, नमक, स]ज़ी
मुलायम - फूल क&
पंखिुड़याँ
10. तुCहिकसी ऐसे^यि_ सेिमलनेका मौका िमलेजसेिदखाई न देता हो तो तुम उससे(कृित के उसके अनुभव के बारेम या-
या पूछना चाहोगेऔर य
उ$र:- मुझेयिद िकसी ऐसे^यि_ सेिमलनेका मौका िमलेतो मउससेयही जानना चाह`ँगा िक वेिकस (कार सेिदन और रात का
आभास करतेह? (कृित और रगं के बारेमउनक& कOपना कैसी होती ह?ै जब वेिकसी व6तुको छूतेहतो वेिकस (कार से
उसक& आकृित बनातेह?
• भाषा क& बात
11 .पाठ म6पश;सेसंबंधत कई श]द आए ह। नीचेऐसेकुछ और श]द िदए गए ह। बताओ िक िकन चीज़ का 6पश;ऐसा होता है-
िचकना, िचपिचपा, मुलायम, खरुदरा, लजलजा, ऊबड़-खाबड़, सaत, भुरभुरा।
उ$र:- िचकना - घी
िचपिचपा - गद
मुलायम - रशे मी कपड़ा
खरुदरा - कपड़ा
लजलजा - शहद
ऊबड़-खाबड़ - पेड़ का तना
सaत - प=थर
उ$र:- एक बार हेलेन केलर क& ि(य िम) जंगल मघूमनेगई थी। जब वह वापस लौटी तो हेलेन केलर नेउससेजंगल के बारेम
जानना चाहा तो उसक& िम) नेजवाब िदया िक कुछ खास नह2 तब उस समय हेलेन केलर को लगा िक सचमुच जनके पास आँख
होती ह, वेबहत ही कम देखतेह। हेलेन को ऐसा इसलए महसूस हआ िक उ4ह(कृित क& व6तुओं को छूनेसेइतना आनदं आता
हैतो दिुनया के सुंदर रगं उनक& िम) क& संवेदना को छू य नह2 पाए।
2. '(कृित का जाद'ूिकसेकहा गया ह?ै
उ$र:- (कृित के अनमोल खजानेको, उसके अनमोल स:दय;और उसमहोनेवालेिन=य-(ितिदन बदलाव को '(कृित का जाद'ू
कहा गया हैजसमऋतुओं का बदलना , वसंत मफूल का खलना ,बाग मपेड़ पर बठैेपAी , कालीन के समान फैलेहए घास के
मदैान आिद सBCमलत ह।
3 . कुछ खास तो नह2'- हेलेन क& िम) नेयह जवाब िकस मौके पर िदया और यह सुनकर हेलेन को आDचय; य हआ?
उ$र:- एक बार हेलेन केलर क& ि(य िम) जंगल मघूमनेगई थी।जब वह वापस लौटी तो हेलेन केलर नेउससेजंगल के बारेम
जानना चाहा तब उसक& िम) नेजवाब िदया िक उसनेकुछ खास नह2 देखा ।
यह सुनकर हेलेन केलर को बहत आDचय;हआ िक लोग कैसेआँखहोकर भी नह2 देखतेह यिक वेतो आँखन होनेके बावजूद
भी (कृित क& बहत-सारी चीज़ को केवल 6पश;सेही महसूस कर लेती ह।
4. हेलेन केलर (कृित क& िकन चीज़ को छूकर और सुनकर पहचान लेती थ2? पाठ पढ़कर इसका उ$र लखो।
उ$र:- हेलन केलर भोज-प) के पेड़ क& िचकनी छाल और चीड़ क& खरुदरी छाल को 6पश;सेपहचान लेती थी। वसंत के दौरान वे
टहिनय मनई कलय , फूल क& पंखिुडय क& मखमली सतह और उनक& घुमावदार बनावट को भी छूकर पहचान लेती थ2। वे
िचिड़या के मधुर 6वर को भी सुनकर पहचान लेती थ2।
5. 'जबिक इस िनयामत सेिज़दं गी को खिुशय के इ4Jधनुषी रगं सेहरा-भरा जा सकता ह।ै' - तुCहारी नज़र मइसका या अथ;हो
सकता ह?ै
उ$र:- LिM हमारेशरीर का कोई साधारण अंग नह2 हैबBOक यह तो ईDवर (द$ िनयामत ह।ै इसके ज़Pरए हम (कृित िनिम;त और
मानव िनिम;त हर एक व6तुका आनदं उठा सकतेह। ईDवर के इस अनमोल तोहफ़े सेहम अपना जीवन खिुशय सेभर सकतेह
अत: हमईDवर का शुRगुज़ार होतेहए इसक& कJ भी करनी चािहए।
6. आज तुमनेअपनेघर सेआतेहए बारीक& से या- या देखा-सुना? िम) के साथ सामूिहक चचा;क&जए।
उ$र:- रोज़ क& तरह आज भी मपदै ल ही अपनेघर जा रही थी। िवSालय के फाटक सेबाहर िनकलतेही मुझेबाहर बठै नेवाले
खोमचेवाल क&,बUच को अपनेसामान क& ओर आकिष;त करनेवाली आवाज़सुनाई पड़2। आगेबढ़नेपर रा6तेपर कार,
साइिकल, Pर शा, बस क& एक-दसू रेसेआगेिनकलनेक& होड़ िदखाई पड़ी। उनसेबचकर जब मआगेमुड़कर मेरेघर क& ओर जाने
वाली शांत सड़क पर िनकली तो मुझेसड़क के दोन ओर लगेगुलमोहर, अशोक और आम के पेड़ के झूमनेसेठंडी हवाओं का
6पश;महसूस हआ। इ4ह2 पेड़ पर कुछ न4ह2 िगलहPरयाँभी रहती हजो सर;सेनीचे-ऊपर आ-जा रही थ2 । थोड़ेसमय तक म
इनक& इस R&ड़ा मखो-सी गई पर4तुिफर माँका Wयान आतेही मदौड़कर घर क& ओर चल पड़ी।
7. कान सेन सुननेपर आस-पास क& दिुनया कैसी लगती होगी? इस पर िटXपणी लखो और साथय के साथ िवचार करो।
उ$र:- ईDवर (द$ शारीPरक अंग मकान भी शरीर का एक महYवपूण;अंग ह।ै इसके काम न करनेपर हमबाहरी दिुनया बड़ी ही
अजीब-सी लगती होगी। हमारेलए िवचार का आदान-(दान करना मुBDकल हो जाएगा यिक हम न तो िकसी क& बात समझ पाएँग
और ना ही िकसी को अपनी बात समझा पाएँग।
8. कई चीज़ को छूकर ही पता चलता ह,ै जसै े- कपड़ेक& िचकनाहट या खरुदरापन, प$य क& नस का उभार आिद। ऐसी और
चीज़ क& सूची तयै ार करो जनको छूनेसेउनक& खासयत का पता चलता ह।ै
उ$र:- अखरोट का खरुदरुापन, फूल को छूनेसेउनका मखमली अहसास, घास को छूनेसेहोनेवाला नरम अहसास।
9. हम अपनी पाँच इिंJय मसेआँख का इ6तेमाल सबसेZय़ादा करतेह। ऐसी चीज़ के अहसास क& तालका बनाओ जो तुम
बाक& चार इिंJय सेमहसूस करतेहो -
सुनना, चखना, सँूघना, छूना।
उ$र:-
सुनना (कान) चखना (जीभ) सँूघना (नाक) छूना (=वचा)
कक;श Wविनयाँ- कुछ पशु-(ािणय क& आवाज़ िमठास-फल, िमठाई
सुगधं - इ), फूल क&
खशु ब,ूखाS पदाथ;
गम;- दधू , चाय या
अ4य पेय पदाथ;
मधुर-Wविनयाँ-कोयल क& बोली, पिAय क&
चहचहाहट , गीत और संगीत के मधुर 6वर
कटु6वाद - करले ा,
दवाइयाँ
दगु\ध - गदं ा नाला ठंडा - बफ़; , शरबत
तीखा, नमक&न 6वाद -
िमच;, नमक, स]ज़ी
मुलायम - फूल क&
पंखिुड़याँ
10. तुCहिकसी ऐसे^यि_ सेिमलनेका मौका िमलेजसेिदखाई न देता हो तो तुम उससे(कृित के उसके अनुभव के बारेम या-
या पूछना चाहोगेऔर य
उ$र:- मुझेयिद िकसी ऐसे^यि_ सेिमलनेका मौका िमलेतो मउससेयही जानना चाह`ँगा िक वेिकस (कार सेिदन और रात का
आभास करतेह? (कृित और रगं के बारेमउनक& कOपना कैसी होती ह?ै जब वेिकसी व6तुको छूतेहतो वेिकस (कार से
उसक& आकृित बनातेह?
• भाषा क& बात
11 .पाठ म6पश;सेसंबंधत कई श]द आए ह। नीचेऐसेकुछ और श]द िदए गए ह। बताओ िक िकन चीज़ का 6पश;ऐसा होता है-
िचकना, िचपिचपा, मुलायम, खरुदरा, लजलजा, ऊबड़-खाबड़, सaत, भुरभुरा।
उ$र:- िचकना - घी
िचपिचपा - गद
मुलायम - रशे मी कपड़ा
खरुदरा - कपड़ा
लजलजा - शहद
ऊबड़-खाबड़ - पेड़ का तना
सaत - प=थर
anaya6:
thanks
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