ncert class 7 bal Mahabharata katha all chepter question answer
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प्रशन :- गंगा ने शांतनु से कहा-"राजन! क्या आप अपना वचन भूल गए?" तुम्हारे विचार से शांतनु ने गंगा को क्या वचन दिया होगा?
उत्तर :- सम्भवत: राजा शांतनु ने गंगा को यह वचन दिया होगा कि वे गंगा के किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे तथा उसकी इच्छा का सम्मान करेंगे।
प्रशन :- महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परपंरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि तुम्हारे अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का कारण बताओ।
उत्तर :- पांडु भरत वंश के राजा थे। उनकी मृत्यु के पश्चात् युधिष्ठिर को राजा बनना चाहिए था परन्तु युधिष्ठिर की आयु कम होने के कारण उनके बड़े होने तक राज्य की ज़िम्मेदारी धृतराष्ट्र को दी गई थी। युधिष्ठिर के बड़े होने के पश्चात् न्यायोचित तो यही था कि युधिष्ठिर को उनका कार्य-भार सौंप दिया जाता। अत: भरत वंश की परंपरा के अनुसार राज्य पद के अधिकारी युधिष्ठिर ही थे।
प्रशन :- महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों ने अनेक प्रयास किए। तुम्हें दोनों के प्रयासों में जो उपयुक्त लगे हों, उनके कुछ उदाहरण दो।
उत्तर :- युद्ध जीतने के लिए कौरवों तथा पांडवों दोनों ने प्रयास किए हैं।
कौरवों द्वारा किए गए प्रयास :-
(1) युद्ध में पितामह भीष्म तथा गुरू द्रोणाचार्य को सेना का नेतृत्व सौंपना।
(2) दुर्योधन का कृष्ण के पास युद्ध के लिए सहायता मांगने जाना।
(3) चक्रव्यूह की रचना करना
(4) अर्जुन को दूर भेजना
पांडवों द्वारा युद्ध के लिए किए गए प्रयास :-
(1) कर्ण का वध।
(2) दुःशासन का वध।
(3) दुर्योधन के भाई युयुत्सु पर विश्वास कर युद्ध में सम्मिलित करना।
(4) कृष्ण का साथ माँगना।
(5) अभिमन्यु द्वारा चक्रव्यूह तोड़ना।
प्रशन :- तुम्हारे विचार से महाभारत के युद्ध को कौन रूकवा सकता था? कैसे?
उत्तर :- महाराज धृतराष्ट्र उस समय भरत वंश के राजा थे। उनकी आज्ञा का पालन करना प्रजा का कर्तव्य था। यदि वे निश्चय के पक्के होते तो अपने पुत्रों को आज्ञा देकर युद्ध को टाल सकते थे। परन्तु एक राजा होते हुए भी अपने राज्य के भविष्य के हित में वे कोई दृढ़ निश्चय नहीं कर पाए।
प्रशन :- पुस्तक में से कोई पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर :- पाठ पर आधारित मुहावरे :-
(1) वज्र के समान गिरना - (अधिक कष्ट होना) अपमान के कटु वचन उसके हृदय पर व्रज के समान लगे।
(2) जन्म से बैरी - (घोर शत्रुता होना) दोनों भाई इतना लड़ते हैं, मानो जन्म से बैरी हो।
(3) खलबली मच जाना - (नियंत्रण न होना) शिक्षक के न आने से पूरी कक्षा में खलबली मच गई।
(4) दंग करना - (हैरान करना) छोटे से बच्चे में इतना बल देखकर मैं दंग रह गया।
(5) दग्ध-हृदय - (मन दुःखी होना) दग्ध हृदय के साथ उसने अपने पुत्र को अंतिम बार विदा किया।
प्रशन :- महाभारत में एक ही व्यक्ति के एक से अधिक नाम दिए गए हैं। बताओ, नीचे लिखे हुए नाम किसके हैं?
उत्तर :-
(1) पृथा - कुंती
(2) राधेय - कर्ण
(3) वासुदेव - श्री कृष्ण
(4) गांगेय - गंगा पुत्र 'भीष्म'
(5) सैरंध्री - द्रोपदी
(6) कंक - युधिष्ठर
प्रशन :- तुम्हारे अनुसार महाभारत कथा में किस पात्र के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ और क्यों?
उत्तर :- महाभारत की कथा में द्रौपदी के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ क्योंकि युद्ध पांडवों तथा कौरवों के बीच था। द्रौपदी की किसी के साथ शत्रुता नहीं थी। फिर भी उसे पूरी राजसभा में सबके सामने अपमानित किया गया। युद्ध में अपने पाँचों पुत्रों से हाथ धोना पड़ा तथा पाँचों पांडवों के साथ वनवास जाना पड़ा।
प्रशन :- महाभारत के युद्ध में किसकी जीत हुई? (याद रखो कि इस युद्ध में दोनों पक्षों के लाखों लोग मारे गए थे।)
उत्तर :- महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत होती है। क्योंकि दोनों पक्षों में लोगों की मृत्यु होने के बाद भी पाँचों पांडव जीवित थे। उन्हें कौरवों की अपेक्षा कम क्षति उठानी पड़ी।
प्रशन :- तुम्हारे विचार से महाभारत की कथा में सबसे अधिक वीर कौन था/थी? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
उत्तर :- महाभारत की कथा में सबसे अधिक वीरता अर्जुन पुत्र अभिमन्यु में देखी गई क्योंकि पूरे युद्ध में सबसे छोटा बालक होते हुए भी उसने अपनी वीरता का परिचय देते हुए अकेले ही छ: महारथियों के साथ युद्ध किया, चक्रव्यूह तोड़ने का प्रयास किया तथा अस्त्र समाप्त होने के बाद भी रथ के पहिए को अस्त्र बना कर लड़ता रहा।
प्रशन :- यदि तुम युधिष्ठिर की जगह होते, तो यक्ष के प्रश्नों के क्या उत्तर देते?
उत्तर :- इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं करें।
प्रशन :- महाभारत के कुछ पात्रों द्वारा कही गई बातें नीचे दी गई हैं। इन बातों को पढ़कर उन पात्रों के बारे में तुम्हारे मन में क्या विचार आते हैं-
(क) शांतनु ने केवटराज से कहा- "जो माँगोगे दूँगा, यदि वह मेरे लिए अनुचित न हो।"
(ख) दुर्योधन ने कहा- "अगर बराबरी की बात है, तो मैं आज ही कर्ण को अंगदेश का राजा बनाता हूँ।"
(ग) धृतराष्ट्र ने दुर्योधन से कहा-"बेटा, मैं तूम्हारी भलाई के लिए कहता हूँ कि पाँडवों से वैर न करो। वैर दुख और मृत्यु का कारण होता है।"
(घ) द्रोपदी ने सारथी प्रातिकामी से कहा-"रथवान! जाकर उन हारने वाले जुए के खिलाड़ी से पूछो कि पहले वह अपने को हारे थे या मुझे?"
उत्तर :- (क) शांतनु सत्यवती से बहुत प्रेम करते थे। इसलिए उसे पाने के लिए वे केवटराज, को कुछ भी देने के लिए तैयार थे, शांतनु विवेकशील थे इसलिए उन्होंने उचित अनुचित का भी ध्यान रखा।
(ख) दुर्योधन महत्वकाँक्षी था उसने अर्जुन को नीचा दिखाने के लिए कर्ण से मित्रता करने का निश्चय किया।
(ग) यहाँ धृतराष्ट्र के दूरदर्शी होने की प्रवृति का पता चलता है तथा उन्हें पांडवों से बहुत स्नेह था।
(घ) यहाँ राजा युधिष्ठिर के प्रति द्रोपदी के मन में आक्रोश की भावना है।