NCERT class 7 hindi book chapter 1 summary
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हम पंछी उन्मुक्त गगन कविता का सारांश :
हम पंछी उन्मुक्त गगन के यह कविता शिव मंगल सिंह 'सुमन' द्वारा लिखी गई है, इस कविता में कवि पक्षियों की आज़ादी की बात कर रहे है।
कविता में कवि पक्षियों की भावनाओं को बता रहे है, पक्षी अपनी वाणी के माध्यम से वो अपने भाव को प्रकट करते है। अगर हम हम उन्हें पिंजरे में बंद कर देंगे तो वो अपना स्वाभिक खो देंगे, चहकना भूल जाएगे, उड़ना भूल जाएंगे। पिंजरे में बंद होने से अच्छा हम बहार नुम के कड़वे पत्ते खाना पसंद करते है।
पक्षियों की इच्छा खुले आसमान में उड़ने की है। नदी - झरनों का बहता जल पीना चाहते हैं। वह आकाश को छूना चाहते है। अपनी इच्छा से ऊँची-से-ऊँची उड़ान भरना चाहते है, पेड़ों पर घोंसले बनाकर रहना चाहते है, नदी-झरनों का जल पीना, फल-फूल खाना चाहते है। पक्षियों की पंखो की आज़ादी को कैद नहीं करना चाहिए । पक्षियों को हमें बंदी नहीं बनाना चाहिए उन्हें आज़ादी में घुमने देना चाहिए | पक्षियों की पंखो की आज़ादी को कैद नहीं करना चाहिए ।
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