ndi ma patr ka formate
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Hey....!!! :)) ✌️✌️
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पत्र
पत्र अपनी बात दूसरों तक लिखकर पहुंचाने का एक बहुत अच्छा तरीका है। जैसे-जैसे भाषा का विकास हुआ, उसी के साथ पत्र लेखन का भी विकास होता गया। इस प्रकार यह ,माना जा सकता है की पत्र लेखन का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन काल में मोबाइल, इंटरनेट जैसे संचार के साधन नहीं हुआ करते थे इसलिए पत्र के माध्यम से ही लोग अपनी बात दूसरों तक पहुंचाते थे।
पत्रों के भेद या प्रकार
पत्र 2 प्रकार के होते हैं।
1.औपचारिक पत्र:- औपचारिक पत्र, हिंदी में पत्र लेखन में ध्यान रखें की जिसको आप पत्र लिख रहे हैं उनसे आपका कोई निजी परिचय नहींहै यदि आपका व्यक्तिगत लगाव या परिचय भी हो तो लेखन में वह व्यक्त नहीं होना चाहिए ! औपचारिक पत्र लेखन में मुख्यतः संदेश, सूचना एवं तथ्यों का ही अधिक महत्व दिया जाता है ! इस प्रकार के पत्र संस्था के अधिकारी एवं कार्यालय के अधिकारी को लिखा जाता है !
2. आवेदन पत्र :- प्रार्थना-पत्र; अर्ज़ी; वह पत्र जिसपर कोई अपनी प्रार्थना या निवेदन लिखकर किसी को सूचित करे।
सेवा में,
प्रधानाचार्य या अन्य व्यक्ति का पद...........
स्कूल या विभाग का नाम.....................
स्कूल या स्थान का पता........................
महोदया/महोदय,
............................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................
धन्यवाद
आपका आभारी
नाम व कक्षा या पद....................
दिनांक ..............................
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I hope it's help you....!!! :)) ✌️✌️
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पत्र
पत्र अपनी बात दूसरों तक लिखकर पहुंचाने का एक बहुत अच्छा तरीका है। जैसे-जैसे भाषा का विकास हुआ, उसी के साथ पत्र लेखन का भी विकास होता गया। इस प्रकार यह ,माना जा सकता है की पत्र लेखन का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन काल में मोबाइल, इंटरनेट जैसे संचार के साधन नहीं हुआ करते थे इसलिए पत्र के माध्यम से ही लोग अपनी बात दूसरों तक पहुंचाते थे।
पत्रों के भेद या प्रकार
पत्र 2 प्रकार के होते हैं।
1.औपचारिक पत्र:- औपचारिक पत्र, हिंदी में पत्र लेखन में ध्यान रखें की जिसको आप पत्र लिख रहे हैं उनसे आपका कोई निजी परिचय नहींहै यदि आपका व्यक्तिगत लगाव या परिचय भी हो तो लेखन में वह व्यक्त नहीं होना चाहिए ! औपचारिक पत्र लेखन में मुख्यतः संदेश, सूचना एवं तथ्यों का ही अधिक महत्व दिया जाता है ! इस प्रकार के पत्र संस्था के अधिकारी एवं कार्यालय के अधिकारी को लिखा जाता है !
2. आवेदन पत्र :- प्रार्थना-पत्र; अर्ज़ी; वह पत्र जिसपर कोई अपनी प्रार्थना या निवेदन लिखकर किसी को सूचित करे।
सेवा में,
प्रधानाचार्य या अन्य व्यक्ति का पद...........
स्कूल या विभाग का नाम.....................
स्कूल या स्थान का पता........................
महोदया/महोदय,
............................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................
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