need a poem of 4 para and 4 lines each para in hindi
its urgent pls help
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Explanation:
मंच पे खड़ी
डोरी से बंधी
रंगीन व आभूषण में सजी,
एक कठपुतली मांगे आजादी।
लकड़ी से बने मेरे ये अंग,
किसी दुसरे की मर्जी पर चलते है
मैं हूँ तो केवल सजावट और मनोरंजन के लिए,
एक नारी समान।
इन वस्त्रो की चमचमाती खूबसूरती के पीछे,
छुपे है मेरे संग हुए जुल्म व अत्याचार
मैं एक कठपुतली हूँ,
डोरी से न हो मेरे काम
डोरी से ना हो मेरे नाम,
डोरी से आजाद हो मेरे अरमान
और डोरी संग मेरी ज़िन्दगी की आजादी।
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