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2 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पर्दै और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
शक्ति का जितना अधिक विकास हो रहा है ,शीलता उतनी ही सिकुडती जा रही है । विज्ञान के साथ-साथ हृदय का भी
प्रसार हो , सदभावना बढे वसुधैव कुटुंबकम की भावना को बल मिले , प्रत्येक हृदय में उस नैसर्गिक शक्ति के प्रति
आस्था बनी रहे, मानव,मानव से प्रेम कर सके ,सभी विज्ञान की सार्थकता में विश्वास किया जा सकता है अन्यथा
मनुष्य भी मनुष्य के प्रति अविश्वासी हो जाएगा और तब विज्ञान का ऐसा तांडव होगा कि संपूर्ण सृष्टि विनाश के
कगार पर खड़ी होगी।
प्रश्न क सृष्टि विनाश की ओर क्यों बढ़ रही है?
ख मनुष्यता क्यों मर रही है ?
ग विज्ञान की सार्थकता पर कब विश्वास किया जा सकता है ?
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मनुष्य भी मनुष्य के प्रति अविश्वासी हो जाएगा और तब विज्ञान का ऐसा तांडव होगा कि संपूर्ण सृष्टि विनाश के
कगार पर खड़ी होगी।
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