niband mera shvach vidhalay
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किसी भी राष्ट्र की सर्वोत्तम निधि उस राष्ट्र के बच्चे हैं और बच्चों की निधि विद्यालय में है । जहाँ पर बच्चा पढ़ लिख कर सुसंस्कृत और सभ्य नागरिक बनता है और देश की प्रगति में अपना सहयोग देता है । मेरा विद्यालय घर के बहुत निकट है ।
मैं पैदल ही स्कूल जाती हूँ । मेरा विद्यालय तीन मंजिला है । विद्यालय की बाहरी दीवारों पर पत्थर लगा हुआ है । जिससे उसकी शोभा अद्वितीय हो गई है । हमारे विद्यालय में 60 कमरे हैं । प्रत्येक कमरें में हवादार खिड़कियाँ हैं । कमरों में बिजली का उचित प्रबन्ध है ।
प्रत्येक कक्षा में पंखे लगाए हुए हैं । बिजली चली जाए तो विद्यालय मैं जनरेटर चालू कर दिया जाता है । पीने के लिए शीतल और स्वच्छ जल सदैव रहता है । विद्यालय में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है । प्रत्येक कमरे में एक कूड़ेदान की व्यवस्था है, जिससे पूरी कक्षा स्वच्छ बनी रहती है । कमरों में प्रतिदिन झाडू और पौछा लगता है ।
हमारे विद्यालय में 1500 छात्र-छात्राएँ हैं । विद्यालय छठी से बारहवीं तक का है । कक्षा में श्यामपट्ट सुन्दर और साफ है । कक्षा में अध्यापिका के बैठने का भी उचित प्रबन्ध है । अध्यापक और अध्यापिकाओं के बैठने के लिए एक अलग कक्ष की भी व्यवस्था है । प्रवेशद्वार से कुछ दूरी पर ही प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य के कक्ष हैं ।
उनके ठीक सामने रिशैपनिस्ट बैठती है जो बाहर से आने वाले लोगों का मुस्कराकर स्वागत करती है । विद्यालय के चारों ओर वृक्ष लगे हैं । मुख्य द्वार के दोनों ओर उद्यान में मौसम के रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं । प्रात: काल विद्यालय के अन्दर आते ही हरियाली और खिले हुए फूलों को देखकर मन मयूर नाच उठता है ।
मैं पैदल ही स्कूल जाती हूँ । मेरा विद्यालय तीन मंजिला है । विद्यालय की बाहरी दीवारों पर पत्थर लगा हुआ है । जिससे उसकी शोभा अद्वितीय हो गई है । हमारे विद्यालय में 60 कमरे हैं । प्रत्येक कमरें में हवादार खिड़कियाँ हैं । कमरों में बिजली का उचित प्रबन्ध है ।
प्रत्येक कक्षा में पंखे लगाए हुए हैं । बिजली चली जाए तो विद्यालय मैं जनरेटर चालू कर दिया जाता है । पीने के लिए शीतल और स्वच्छ जल सदैव रहता है । विद्यालय में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है । प्रत्येक कमरे में एक कूड़ेदान की व्यवस्था है, जिससे पूरी कक्षा स्वच्छ बनी रहती है । कमरों में प्रतिदिन झाडू और पौछा लगता है ।
हमारे विद्यालय में 1500 छात्र-छात्राएँ हैं । विद्यालय छठी से बारहवीं तक का है । कक्षा में श्यामपट्ट सुन्दर और साफ है । कक्षा में अध्यापिका के बैठने का भी उचित प्रबन्ध है । अध्यापक और अध्यापिकाओं के बैठने के लिए एक अलग कक्ष की भी व्यवस्था है । प्रवेशद्वार से कुछ दूरी पर ही प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य के कक्ष हैं ।
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