niband of vidiarthi orr anushasan in Hindi
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विद्यार्थी के लिए जितनी पढ़ाई-लिखाई आवश्यक है उतना ही अनुशासन होना जरूरी है क्योंकि बिना अनुशासन के पढ़ाई की कल्पना नहीं की जा सकती है. Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Bhut Adhik hota hai.
विद्यार्थी एक खाली कागज़ की तरह होता है जिसमें कुछ भी लिखा जा सकता है. अगर विद्यार्थी को उस समय सही शिक्षा और उचित संगत नहीं मिलती है तो वह अपने लक्ष्य से भटक सकता है और गलत कार्य की राह पकड़ सकता है इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की महत्वता और भी बढ़ जाती है.
विद्यार्थी की हमारे देश की भावी पीढ़ी है जो कि आगे जाकर हमारे देश का निर्माण करेगी. लेकिन विद्यार्थियों को अनुशासन में रहना नहीं पता होगा तो वे देश का निर्माण करने की वजह उसका नाश भी कर सकते है.
विद्यार्थियों में हमेशा धैर्य और संयम होना चाहिए जोकि अनुशासन से ही आता है क्योंकि अगर Vidyarthi अपना कार्य समय पर करेंगे और नियमित रूप से करेंगे तो उन्हें हमेशा धैर्य और संयम बना रहेगा अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो वह हर कार्य को जल्दी निपटाना चाहेंगे जिससे उनमें धैर्य और संयम नहीं रह पाएगा जो कि आगे जाकर उनके जीवन के लिए हानिकारक होगा.
Vidyarthiyo को हमेशा अनुशासन में रहकर ही पढ़ाई करनी चाहिए अगर के अनुशासन का पालन नहीं करते हैं तो कुछ अनुशासनहीन विद्यार्थी उन्हें अपने साथ शामिल कर कर गलत प्रवृतियों में ले जाते है, जिस का आभास उनके माता-पिता को भी नहीं होता है.
और कुछ समय बाद वह विद्यार्थी इतने अनुशासनहीन हो जाते हैं कि वह विद्यालय आना छोड़ देते है और उनका भविष्य खराब हो जाता है इसलिए एक अच्छे विद्यार्थी को हमेशा पढ़ाई के ऊपर ध्यान रखना चाहिए और अपने से बड़ों की बातों का पालन करना चाहिए.
विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता के लिए कुछ हद तक हमारे देश की परिस्थितियां भी हैं क्योंकि हमारे देश में ज्यादातर स्कूलों में अधिक संख्या में विद्यार्थियों एक ही कमरे में पढ़ाया जाता है जिसके कारण शिक्षक सभी विद्यार्थियों पर ध्यान नहीं दे पाता है.
विद्यार्थी वर्ग देश की युवा शक्ति होता है अगर किसी देश की युवा शक्ति ही गलत रहा है और गलत संगत में हो तो उस देश का उद्धार होना संभव नहीं है.
Vidyarthi जीवन ही एक व्यक्ति के पूरे जीवन की आधारशिला होती है अगर यह आधारशिला ही कमजोर होगी तो आगे का भविष्य कठिनाइयों से भरा होगा और असफलता का मुंह भी देखना पड़ सकता है. यह जीवन की कड़वी सच्चाई है लेकिन आजकल लोग इस बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे है.