nibandh computer Ek Vardan
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इससे पहले की पीढ़ीयों के कंप्यूटर बेहद सीमित कार्य करते थे जबकि आधुनिक समय के कंप्यूटर ढ़ेर सारे कार्यों को अंजाम दे सकता है। चार्ल्स बेबेज ने पहला मेकैनिकल कंप्यूटर बनाया था जो आज के जमाने के कंप्यूटर से बहुत अलग था। कंप्यूटर के आविष्कार का लक्ष्य था एक ऐसी मशीन को उत्पन्न करना जो बहुत तेजी से गणितीय गणना कर सके। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों के हथियारों की गति और दिशा का अनुमान तथा उनकी सही स्थिति का पता लगाना था। आज के कंप्यूटर कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक से युक्त है जो जीवन के हर क्षेत्र में मदद करते है।
नई पीढ़ी का कंप्यूटर अत्यधिक उन्नत होते है अर्थात छोटे, हल्के, तेज, और बहुत शक्तिशाली। आज के दिनों में इसका इस्तेमाल हर व्यवसाय में हो रहा है जैसे- परीक्षा, मौसम की भविष्यवाणी, शिक्षा, खरीदारी, ट्रैफिक नियंत्रण, उच्च स्तर की प्रोग्रामिंग, रेलवे टिकट बुकिंग, मेडिकल क्षेत्र, व्यापार आदि। इंटरनेट के साथ ये सूचना तकनीक का मुख्य आधार है और इसने साबित किया कि आज के समय में कुछ भी असंभव नहीं है। इंसानों के लिये कंप्यूटर के सैकड़ों फायदे है तो साइबर अपराध, अश्लील वेबसाइट, जैसे नुकसान भी शामिल है जिसकी पहुँच हमारे बच्चों और विद्यार्थीयों तक आसानी से हो जाती है। कुछ उपायों के द्वारा हम इसके नकारात्मक प्रभावों से बच सकते है।
आज मानव बिरादरी की कंप्यूटर तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता बढ़ती जा रही है। कोई भी अपने जीवन की कल्पना बिना कंप्यूटर के नहीं कर सकता, क्योंकि इसने हर जगह अपने पैर पसार लिये है और लोग इसके आदि बन चुके है। ये किसी भी दर्जे के विद्यार्थी के फायदेमंद है। वो इसका इस्तेमाल प्रोजेक्ट बनाने के लिये, कविता सीखने के लिये, कहाँनियों के लिये, परीक्षा संबंधी नोट्स डाउनलोड करने के लिये, सूचना इकट्ठा करना आदि के लिये बेहद कम समय में कर सकते है। ये विद्यार्थीयों के कौशल विकास में बढ़ौतरी के साथ नौकरी पाने में सहायक भी होता है।
Explanation:
कम्प्यूटर – एक वरदान
Computer – Ek Vardan
प्रस्तावना- आधुनिक युग में कम्प्यूटर मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण और आवश्यक अंग बन गया है। व्यापार के सारे कार्य कम्प्यूटर पर ही किये जाते हैं। अपने अधिकतम प्रयोग, गणना को शत-प्रतिशत शुद्वता एंव स्मृति की असीमित क्षमता के कारण यह जीवन के प्रत्येक अंग में छा गया है।
कम्प्यूटर क्या है?- कम्प्यूटर गणताएं कर सकने वाली विश्लेषक मशीन है जो सेकेण्ड के करोड़वें भाग जैसी कम अवधि में अनेक सूचनाओं एवं गणनाओं का हिसाब करती है।
जिन समस्याओं का हल करने के लिए मनुष्य को कई दिन यहां तक कि महीनों लग सकते हैं कम्प्यूटर उन्हें पलक झपकते ही सुलझा देते है। कम्प्यूटर अंको के साथ-साथ अक्षरों में भी काम करता है।
पहला कम्प्यूटर 19वीं शताब्दी में महान् गणितज्ञ चाल्र्स बेबेज ने बनाया था। यह कम्प्यूटर लम्बी-लम्बी गणनाएं कर उनके परिणामों को मुद्रित कर देता था।
कम्प्यूटर का विकास- कम्प्यूटर के विकास की कहानी 19वीं शताब्दी में शुरू हुई जबकि चाल्र्स बेबेज ने सूचनाओं का आदान-प्रदान के उददेश्य से एक यंत्र का निर्माण किया। इस यंत्र के मुख्य रूप से तीन भाग थे। यह यंत्र उस समय अत्यन्त साधारण किस्म का था।