Nibandh Hindi on main tree bol raha hu
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में एक पेड़ हु.में बहुत बड़ा पेड़ हूं आज मैं अपने जीवन में खुश हूं क्योंकि मैं लोगों को काफी लाभ पहुंचाता हूं मैं लोगों को ऑक्सीजन प्रदान करता हूं और खुद कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करता हूं फिर भी कभी कभी लोग मेरे साथ छेड़छाड़ करते हैं.मैं एक सड़क के किनारे पर रहता हूं लोग अक्सर मेरी छाये में लंबे समय तक बैठे रहते हैं,गर्मियों के दिनों में जब लोग पसीना-पसीना हो जाते हैं तो लोग मेरी छाये में मेरे नीचे बैठते हैं.लोगो को मेरे नीचे बैठकर सुकून मिलता है तो वो मेरा धन्यवाद भी करते हैं ऐसा सुनकर मैं बहुत ही खुश होता हूं लेकिन दूसरी और यही सोचता हूं कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बिना वजह मेरी ठहनियो और पत्तियों को तोड़ते रहते हैं.कुछ लोग अपने छोटे से लाभ के लिए मुझे नष्ट कर देते हैं.मैं आज बहुत बड़ा हो गया हूं इसलिए जानवर या कोई भी मनुष्य मुझे आसानी से हानि नहीं पहुंचा सकता.आज लोग मुझे रोड के किनारे देखकर मेरी तारीफ करते हैं.
मैं वातावरण के प्रदूषण को भी कम करने में सहायक सिद्ध होता हूं तथा मिट्टी को बांधे रखने में सहायक सिद्ध होता हूं.मेरी उम्र काफी लंबी होती है मैं हजारों साल तक एक ही जगह पर खड़ा रहता हूं.लोग आते हैं और जाते हैं और मुझे दुआएं दे जाते हैं लेकिन मुझे बहुत ही अच्छा लगता है.मुझे थोड़ा डर भी लगता है मैं सोचता हूं कि 1 दिन ऐसा ना आए कि कोई मनुष्य मुझे काट डाले या कोई जानवर मुझे नष्ट कर डाले.ये चिंता मुझे हमेशा सताती रहती है क्योंकि दुनिया में बहुत से ऐसे मनुष्य रहते हैं जो सिर्फ बिना किसी लाभ के ही मुझे नुकसान पहुंचा देते हैं वह यह भी नहीं सोचते कि मैं उनके लिए कितना उपयोगी है.उन सभी को सोचना चाहिए की में कितना उपयोगी हु और उन्हें मुझे नुक्सान नहीं पहचान चाहिए क्योंकी वास्तव में मुझे नुकसान पहुचाना इस दुनिया के जीव जन्तुओ को नुक्सान पहुचाना हैं.
मैं लोगो से कुछ भी नहीं लेता,मैं जब तक भी जीवीत रहूंगा तब तक लोगों की सेवा करता रहूंगा,लोगों को रोग मुक्त करता रहूंगा.मेरी पेड़ों की जड़ें,पत्तियां लोगों के रोगों को भी नष्ट कर देती हैं और फिर भी लोग मुझे नष्ट करने से नहीं चूकते, मेरी लकड़ियों को बिना वजह तोड़ने से नहीं चूकते.मुझे उम्मीद है कि अब आप मुझे बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.
मैं वातावरण के प्रदूषण को भी कम करने में सहायक सिद्ध होता हूं तथा मिट्टी को बांधे रखने में सहायक सिद्ध होता हूं.मेरी उम्र काफी लंबी होती है मैं हजारों साल तक एक ही जगह पर खड़ा रहता हूं.लोग आते हैं और जाते हैं और मुझे दुआएं दे जाते हैं लेकिन मुझे बहुत ही अच्छा लगता है.मुझे थोड़ा डर भी लगता है मैं सोचता हूं कि 1 दिन ऐसा ना आए कि कोई मनुष्य मुझे काट डाले या कोई जानवर मुझे नष्ट कर डाले.ये चिंता मुझे हमेशा सताती रहती है क्योंकि दुनिया में बहुत से ऐसे मनुष्य रहते हैं जो सिर्फ बिना किसी लाभ के ही मुझे नुकसान पहुंचा देते हैं वह यह भी नहीं सोचते कि मैं उनके लिए कितना उपयोगी है.उन सभी को सोचना चाहिए की में कितना उपयोगी हु और उन्हें मुझे नुक्सान नहीं पहचान चाहिए क्योंकी वास्तव में मुझे नुकसान पहुचाना इस दुनिया के जीव जन्तुओ को नुक्सान पहुचाना हैं.
मैं लोगो से कुछ भी नहीं लेता,मैं जब तक भी जीवीत रहूंगा तब तक लोगों की सेवा करता रहूंगा,लोगों को रोग मुक्त करता रहूंगा.मेरी पेड़ों की जड़ें,पत्तियां लोगों के रोगों को भी नष्ट कर देती हैं और फिर भी लोग मुझे नष्ट करने से नहीं चूकते, मेरी लकड़ियों को बिना वजह तोड़ने से नहीं चूकते.मुझे उम्मीद है कि अब आप मुझे बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.
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