Hindi, asked by anumashankar3578, 10 months ago

nibandh ke 2 anivarya or pradhan tatva kon kon se hai in hindi

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Answered by Pydotx5od
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Answered by jayathakur3939
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निबन्ध लिखने के लिए अनिवार्य और प्रदान तत्व हैं :-  भाव और भाषा

निबंध लिखने के लिए दो बातों की आवश्यकता होती है। भाव और भाषा दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण है। लिखने के लिए जिस तरह भाव की आवश्यकता होती है। उसी तरह भाषा के भी एक के अभाव में दूसरे का कोई महत्व नहीं है। भाव और भाषा को समन्वय करने की ढंग को शैली कहते हैं। जहां भाव और भाषा का मेल होता है। वही शैली बन जाता है।

एक अच्छी शैली वह है, जो पाठक को प्रवाहित करें। यह पाठक को शब्दों की उलझन में नहीं डालती, बुरी शैली वह है जो पाठक को शब्दों की भूलभुलैया में फसा रखती है। प्रत्येक लेखक के भाव और भाषा में अंतर होता है। इसलिए उनकी शैली में भी अंतर होगा भाषा की दृष्टिकोण से मुख्यता दो  है। प्रसाद शैली, समाज शैली। अति साधारण ढंग से सहज सुगम भाषा में बातों को कहना प्रसाद शैली है। छोटे-छोटे वक्त साधारण शब्द और कहने का ढंग सुगम शैली का लक्ष्य होता है। सहजता इस शैली का प्रधान गुण है।

एक अच्छे लेखक के शैली में प्रसाद गुण का होना स्वाभाविक है। प्रसाद शैली में गंभीर से गंभीर भावों को साधारण शब्दों में अभिव्यक्त किया जाता है। दूसरा किसी बात को कठिन शब्दों में कहना साधारण भाषा का प्रयोग ना कर असमान भाषा का प्रयोग समाज शैली का लक्ष्य है। इसमें भाषा कठिन और जटिल होती है। यह शैली भाव की कमी छिपाने के लिए भाषा के सामासिक गठन को उद्देश्य मानती है।कि यही कारण है उनके भाव में जटिलता के कारण भाषा में और जटिलता आ जाती है। यह शैली उन लेखकों के लिए उपयुक्त है जिन्हें वस्तुतः कुछ कहना नहीं है, केवल भाषा जाल की निर्माण करना है।

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