Hindi, asked by johny8554, 1 year ago

Nibandh Lakhan on antariksh ki Yatra

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Answered by manas3657
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अंतरिक्ष यात्रा के अभियान में सबसे पहले ४ अक्टूबर, १९५७ को रूस द्वारा प्रथम स्पुतनिक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। हर १६ मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा लगाने वाले इस स्पुतनिक ने दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया। इसी के एक मास बाद स्पुतनिक-२ छोड़ा गया जिसमें लाइका नामक कुतिया थी। स्पुतनिक-२ से दो मास पूर्व अमरीकी वैनगार्ड की उड़ान का प्रयास असफल रहा। इस प्रकार स्पुतनिक ने संसार के दो बड़े राष्ट्रों-रूस और अमरीका-के बीच अंतरिक्ष विजय की होड़ प्रारंभ कर दी।

स्पुतनिक के अतिरिक्त वैनगार्ड, एक्सप्लोरर, डिस्कवरर, कॉस्मास आदि के नामों से अनेक उपग्रह अंतरिक्ष के रहस्यों का अध्ययन करने के लिए छोड़े गए। चंद्रमा के अध्ययन के लिए छोड़े जाने वाले यानों की श्रृंखला में ल्यूनिक, पायोनियर, रेंजर, ल्यूना तथा सर्वेयर विशेष महत्व रखते हैं। रूस ने सबसे पहले १९५७ में ल्यूनिक नाम का प्रथम चंद्रयान भेजा। पर यह चंद्रमा की कक्षा में न जाकर सूर्य की कक्षा में जा पहुँचा। इसके दो मास बाद अमरीकी कृत्रिम उपग्रह पायोनियर-४ चंद्रकक्षा में भेजा गया पर यह भी सूर्य की कक्षा में चला गया। अंतत १२ सितंबर, १९६६ को रूस का ल्यूना-९ चंद्रमा पर उतरा।

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