Hindi, asked by shivangi9065, 1 year ago

nibandh on badhte pollution​

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Answered by guddy14
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प्रदूषण की समस्या आज मानव समाज के सामने खड़ी सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है | पिछले कुछ दशकों में प्रदूषण जिस तेजी से बढ़ा है उसने भविष्य में जीवन के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगाना शुरू कर दिया है | संसार के सारे देश इससे होनेवाली हानियों को लेकर चिंतित है | संसार भर के वैज्ञानिक आए दिन प्रदूषण से संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित करते रहते हैं और आनेवाले खतरे के प्रति हमें आगाह करते रहते हैं

Answered by itspreet29
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heya mate☺☺☺

प्रदूषण का अर्थ हमारे आस-पास के प्राकृतिक पर्यावरण के प्रदूषित होने से है। हमारे आस-पास के प्राकृतिक संसाधन हमारे जीवन को आसान बनाते है, परन्तु यह प्रदूषण इसे नुकसान पहुंचाने का कार्य करता है और कई तरह की शारीरिक बीमारियां तथा परेशानियां उत्पन्न करता है। इसके साथ ही यह प्राकृतिक व्यवस्था और संतुलन को भी बिगाड़ देता है।

प्रदूषक, प्रदूषण के वह तत्व है जो मानवीय गतिविधियों द्वार पैदा होते है और प्राकृतिक संसाधनो जैसे कि वायु, जल और भूमि को दूषित कर देते है। इनके रासायनिक प्रकृति, लंबे समय तक बने रहने की क्षमता तथा प्रदूषक प्रवृत्ति के कारण यह प्रदूषक हमारे पर्यावरण पर वर्षो तक नकरात्मक प्रभाव उत्पन्न करते है।

यह प्रदूषक जहरीले गैसों, उर्वरकों, फंगसों, शोर-शराबे के साथ ही रासायनिक तथा रेडिएक्टिव कचरे से भी उत्पन्न होते है।

प्रदूषण को कई प्रकारों में बांटा जा सकता है जैसे कि ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और जल प्रदूषण आदि। वाहनों की बढ़ती संख्या, जहरीलें गैसों के उत्सर्जन, कारखानों से निकलने वाले धुएं और तरल एयरोसोल आदि के कारण हमारे ग्रह पर वायु प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसी वायु प्रदूषण की कारण जिस हवां में हम सांस लेते है, उसके द्वारा हमें कई तरह की फेफड़ो की बीमारियां हो जाती है।

इसी तरह के भूमि और जल प्रदूषण पानी तथा भूमि में कई तरह के कीटाणु, जीवाणु और हानिकारक रसायन आदि मिलने के कारण उत्पन्न होता है। पीने के पानी में भी कई तरह के कीटनाशक, फंसग, जीवाश्म तत्व और थोरियम आदि मिलने के कारण जल प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न होती है।

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