Hindi, asked by rohankumar8915, 1 year ago

Nibandh on Bharat ki rajdhani Dilli.

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Answered by yuvichiral
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ye sab google par bhi mil jayenge
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yuvichiral: yo
Answered by rakhister80
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भारत की राजधानी : दिल्ली

दिल्ली भारत का दिल है। यश और वैभव की प्रतीक यह नगरी का वैभव किसी से कम नहीं है। अतीत से वर्तमान तक यह कई रूपों में उभरी, विकसित हुई और कई शासकों का शासन इसने देखा। इसकी यशगाथा कहने में न जाने कितने साहित्यकारों की लेखनी उठी; विजय करने के लिए न जाने कितने राजकुमारियों की तलवारें खिंचीं। जॉक के शब्दों में -

हमने माना दकन मे हैं, बहुत से कदरे- सुखन , कौन जाए जौक ये दिल्ली की गालियाँ छोड़कर।

भारत की राजधानी अत्यंत प्राचीन नगर है । इसका प्राचीन नाम इंद्रप्रस्थ था । कहा जाता है कि इसका निर्माण युधिष्ठिर ने करवाया था तथा यहीं पर राजसूय यज्ञ किया था । दिल्ली के सौंदर्य - वैभव से आकृष्ट होकर अनेक आक्रांताओं ने इसे पदाक्रांत किया तथा इस नई नवेली दुल्हन को पाने के लिए लार टपकी । यह दस बार आबाद होकर नष्ट हुई । आज की दिल्ली का यह ग्यारहवाँ रूप है ।

गांधार देश की घाटियों से उतरकर जब कुछ आक्रमणकारियों ने पंचनद की उपजाऊ धरती पर अपने पैर रखे , तब अपनी कोख में छिपार अथाह धन - राशि को बचाने के लिए यह द्वार - रक्षिका कहलाई । इसीलिए इसे देहली ( द्वार की चौखट ) के नाम से पुकारा गया ।

दिल्ली के अनेक स्मारक विभिन्न कालों तथा राजाओं के स्मृति - चिह्न हैं । ' पुराना किला ' पांडवों के शासन काल की याद दिलाता है , तो लालकोट का दुर्ग पृथ्वीराज के समय का स्मारक है ; तुगलकाबाद फिरोजशाह कोटला . तुगलक वंश की अमिट निशानी है , तो . कुतुबमीनार गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक और इल्तुतमिश की निशानी है । हुमायूँ का मकबरा , लालकिला , जामा मस्जिद आदि मुगलों के शासन काल में बनी हैं । जामा मस्जिद विश्व की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है । लाल किला भी विश्व की प्रसिद्ध इमारतों में गिना जाता है । यह चाँदनी चौक के सिर पर मुकुट की तरह सुशोभित होता है । इसी प्रकार कुतुबमीनार भी अपनी ऊँचाई और भवन - निर्माण कला से पर्यटकों को विस्मित कर देती है ।

चाँदनी चौक के पास फव्वारे पर ही गुरु तेगबहादुर का वध किया गया था । उसी स्थल पर बना गुरुद्वारा सीसगंज देखने लायक है । इनके अतिरिक्त , दिल्ली में जंतर - मंतर , बँगला साहिब गुरुद्वारा , बिड़ला मंदिर आदि भी दर्शनीय स्थल हैं ।

अंग्रजों द्वारा निर्मित कनाट प्लेस , इंडिया गेट , राष्ट्रपति भवन , संसद भवन आदि भी विशेष आकर्षण के केंद्र हैं । स्वतंत्रता - प्राप्ति के बाद दिल्ली के शृंगार में और परिवर्तन हुआ । दिल्ली विश्वविद्यालय , ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट , विज्ञान भवन , कृषि भवन , शास्त्री भवन , कनाट प्लेस की बहुमंजिली इमारतें , रेल संग्रहालय , गुड़िया संग्रहालय , चित्रकला संग्रहालय , नेशनल म्यूजियम ,चिड़ियाघर , इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , लोदी गार्डन , बुद्धा पार्क , जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम , इंद्रप्रस्थ तथा तालकटोरा स्टेडियन , अनेक फ्लाई ओवर , अशोक , ओबराय , ताज , कनिष्क , मेरीडियन , हयात होटल , पालिका बाजार . अनेक सांस्कृतिक केंद्र तथा दूतावास इसकी भव्यता में चार चाँद लगा रहे हैं । आज यह दुनिया के सुंदरतम नगरों में से एक है ।

दिल्ली का पुराना स्वरूप आज भी प्राचीनता को अपने में समेटे हुए है , तो इसका नया रूप भव्यता एवं नव्यता को । दिल्ली में ही देश के अनेक महापुरुषों की समाधियाँ हैं : शांति वन - नेहरू जी की ; शक्ति स्थल - इंदिरा जी की ; विजयघाट - शास्त्री जी की तथा राजघाट - विश्व - वंद्य बापू की । इन समाधियों पर विभिन्न देशों के लोग आकर अपने श्रद्धा - सुमन अर्पित करते हैं ।

भारत की राजधानी में भारतीयता तथा विदेशीपन , अमीरी और गरीबी , सौंदर्य , फैशन तथा सादगी सभी के दर्शन होते हैं । भारत की राजधानी अनेक राजनैतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र भी है।

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