Nibandh on : bhartiya udyog dhande(200 words) {Its very important}
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भारत के प्रमुख उद्योग लौह-इस्पात, जलयान निर्माण, मोटर वाहन, साइकिल, सूतीवस्त्र, ऊनी वस्त्र, रेशमी वस्त्र, वायुयान, उर्वरक, दवाएं एवं औषधियां, रेलवे इंजन, रेल के डिब्बे,
जूट , काग़ज़, चीनी, सीमेण्ट, मत्स्ययन, चमड़ा उद्योग, शीशा, भारी एवं हल्के रासायनिक उद्योग तथा रबड़ उद्योग हैं।
इतिहास
प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों की सम्पन्नता के कारण देश की गणना विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में की जाती थी। इतना अवश्य था कि उस समय की उत्कृष्ट वस्तुओं का निर्माण भी कुटीर उद्योगों के स्तर पर ही किया जाता था। सूती एवं रेशमी वस्त्र, लौह इस्पात उद्योग एवं अन्य धातुओं से निर्मित वस्तुएं विदेशों में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी थीं। देश में औद्योगिक विकास का प्रारम्भ अंग्रेजों के आगमन के पश्चात ही हुआ और स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद इसमें अभूतपूर्व प्रगति हुई है। आज देश औद्योगिक विकास के मार्ग पर अग्रसर है। देश के प्रमुख निर्माण उद्योगों एवं उनकी अवस्थिति पर कच्चे मालों, भौतिक एवं मानवीय दशाओं आदि का पर्याप्त प्रभाव पड़ा है और देश में ही अधिकांश उत्पादों का बाज़ार भी उपलब्ध है। संचार एवं परिवहन के साधन भी देश की औद्योगिक प्रगति में पर्याप्त सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
विनिर्माण उद्योग
प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों की सम्पन्नता के कारण देश की गणना विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में की जाती थी। इतना अवश्य था कि उस समय की उत्कृष्ट वस्तुओं का निर्माण भी कुटीर उद्योगों के स्तर पर ही किया जाता था सूती एवं रेशमी वस्त्र, लौह - इस्पात उद्योग एवं अन्य धातुओं से निर्मित वस्तुएं विदेशों में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी थी। भारत में औद्योगिक विकास का प्रारम्भ
अंग्रेज़ों के आगमन के पश्चात् ही हुआ और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसमें अभूतपूर्व प्रगति हुई है। आब भारत औद्योगिक विकास के मार्ग पर अग्रसर है। भारत के प्रमुख निर्माण उद्योगों एवं उनकी अवस्थिति पर कच्चे मालों, भौतिक एवं मानवीय दशाओं आदि का पर्याप्त प्रभाव पड़ा है और भारत में ही अधिकांश उत्पादों का बज़ार भी उपलब्ध है। संचार एवं परिवहन के साधन भी भारत की औद्योगिक प्रगति में पर्याप्त सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
1. लौह इस्पात उद्योग
2. ऐलुमिनियम उद्योग
3. सूती वस्त्र उद्योग
4. जूट उद्योग
5. चीनी उद्योग
6. काग़ज़ उद्योग
7. सीमेंट उद्योग
8. उर्वरक उद्योग
9. अभियांत्रिकी उद्योग
भारत के राज्यों के उद्योग
अरुणाचल प्रदेश के उद्योग
मुख्य लेख : अरुणाचल प्रदेश के उद्योग
अरुणाचल प्रदेश की विशाल खनिज संपदा के संरक्षण के लिए 1991 में 'अरुणाचल प्रदेश खनिज विकास' और 'व्यापार निगम लिमिटेड' (ए. पी. एम. डी. टी. सी. एल.) की स्थापना की गई थी।
आंध्र प्रदेश के उद्योग
मुख्य लेख : आंध्र प्रदेश के उद्योग
हैदराबाद और विशाखापत्तनम के पास बड़े उद्योगों में मशीनी औज़ार, औषाधियाँ, भारी बिजली मशीनें, उर्वरक, इलेक्ट्रॉंनिक उपकरण, विमानों के कलपुर्जे, सीमेंट और रसायन, कांच तथा घडियों आदि का उत्पादन होता है।
आंध्र प्रदेश में देश के अच्छे किस्म के क्रिसोलाइट एस्बेस्टस के विशालतम भंडार हैं
जूट , काग़ज़, चीनी, सीमेण्ट, मत्स्ययन, चमड़ा उद्योग, शीशा, भारी एवं हल्के रासायनिक उद्योग तथा रबड़ उद्योग हैं।
इतिहास
प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों की सम्पन्नता के कारण देश की गणना विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में की जाती थी। इतना अवश्य था कि उस समय की उत्कृष्ट वस्तुओं का निर्माण भी कुटीर उद्योगों के स्तर पर ही किया जाता था। सूती एवं रेशमी वस्त्र, लौह इस्पात उद्योग एवं अन्य धातुओं से निर्मित वस्तुएं विदेशों में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी थीं। देश में औद्योगिक विकास का प्रारम्भ अंग्रेजों के आगमन के पश्चात ही हुआ और स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद इसमें अभूतपूर्व प्रगति हुई है। आज देश औद्योगिक विकास के मार्ग पर अग्रसर है। देश के प्रमुख निर्माण उद्योगों एवं उनकी अवस्थिति पर कच्चे मालों, भौतिक एवं मानवीय दशाओं आदि का पर्याप्त प्रभाव पड़ा है और देश में ही अधिकांश उत्पादों का बाज़ार भी उपलब्ध है। संचार एवं परिवहन के साधन भी देश की औद्योगिक प्रगति में पर्याप्त सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
विनिर्माण उद्योग
प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों की सम्पन्नता के कारण देश की गणना विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में की जाती थी। इतना अवश्य था कि उस समय की उत्कृष्ट वस्तुओं का निर्माण भी कुटीर उद्योगों के स्तर पर ही किया जाता था सूती एवं रेशमी वस्त्र, लौह - इस्पात उद्योग एवं अन्य धातुओं से निर्मित वस्तुएं विदेशों में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी थी। भारत में औद्योगिक विकास का प्रारम्भ
अंग्रेज़ों के आगमन के पश्चात् ही हुआ और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसमें अभूतपूर्व प्रगति हुई है। आब भारत औद्योगिक विकास के मार्ग पर अग्रसर है। भारत के प्रमुख निर्माण उद्योगों एवं उनकी अवस्थिति पर कच्चे मालों, भौतिक एवं मानवीय दशाओं आदि का पर्याप्त प्रभाव पड़ा है और भारत में ही अधिकांश उत्पादों का बज़ार भी उपलब्ध है। संचार एवं परिवहन के साधन भी भारत की औद्योगिक प्रगति में पर्याप्त सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
1. लौह इस्पात उद्योग
2. ऐलुमिनियम उद्योग
3. सूती वस्त्र उद्योग
4. जूट उद्योग
5. चीनी उद्योग
6. काग़ज़ उद्योग
7. सीमेंट उद्योग
8. उर्वरक उद्योग
9. अभियांत्रिकी उद्योग
भारत के राज्यों के उद्योग
अरुणाचल प्रदेश के उद्योग
मुख्य लेख : अरुणाचल प्रदेश के उद्योग
अरुणाचल प्रदेश की विशाल खनिज संपदा के संरक्षण के लिए 1991 में 'अरुणाचल प्रदेश खनिज विकास' और 'व्यापार निगम लिमिटेड' (ए. पी. एम. डी. टी. सी. एल.) की स्थापना की गई थी।
आंध्र प्रदेश के उद्योग
मुख्य लेख : आंध्र प्रदेश के उद्योग
हैदराबाद और विशाखापत्तनम के पास बड़े उद्योगों में मशीनी औज़ार, औषाधियाँ, भारी बिजली मशीनें, उर्वरक, इलेक्ट्रॉंनिक उपकरण, विमानों के कलपुर्जे, सीमेंट और रसायन, कांच तथा घडियों आदि का उत्पादन होता है।
आंध्र प्रदेश में देश के अच्छे किस्म के क्रिसोलाइट एस्बेस्टस के विशालतम भंडार हैं
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