nibandh on charitr bal?
Answers
Answered by
1
हम इस विषय पर आपको आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं पूरा कीजिए-'
चरित्र ' मनुष्य का आभूषण है। चरित्र मनुष्य के स्वभाव/व्यक्तित्व को दर्शाता है। एक मनुष्य की पहचान उसकी धन-दौलत से नहीं बल्कि उसके चरित्र से होती है। मनुष्य के पास कितना ही धन क्यों न हो यदि उसका चरित्र अच्छानहीं है, तो वह धन उसे समाज में मान-सम्मान व प्रतिष्ठा नहीं दिला सकता। इस संसार के अंदर अनगिनत मनुष्य विद्यमान हैं। सब अलग-अलग व्यक्तित्व के स्वामी हैं परन्तु जिसका व्यक्तित्व (चरित्र) श्रेष्ठ होता है, वही संसारके सम्मुख आदर व प्रेम पाता है। गांधीजी ऐसे ही व्यक्तियों में से एक थे।गांधी जी सत्यवादी, अहिंसाप्रिय, सदाचारी, देशभक्त, धार्मिक, विद्वान, कर्तव्यनिष्ठ, दृढ़ निश्चयी व्यक्ति थे। आज वह संसार में आदर्श चरित्र केरूप में जाने जाते हैं। उनके चरित्र की ये खास बातें ही थीं, जिन्होंने लोगों को उनकी ओर आकर्षित किया। लोगों ने किसी भय या लालच से उनका आदर नहीं किया। उनके चरित्र में विद्यमान गुणों ने लोगों को उनका आदर करने परविवश किया। हर मनुष्य के अंदर अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के गुण विद्यमान होते हैं। परन्तु वह अपने चरित्र निर्माण में किसे अधिक महत्व देता है, यह उस पर निर्भर करता है। एक वीर अपने अंदर वीरता, साहस, दृढ़ निश्चय, समझदारी के गुणों का विकास करता है और वीर कहलाता है। एक चोर अपने अंदर लालच, हत्या, जालसाज़ी, चालाकी आदि गुणों का विकास करता है और चोर कहलाता है। एक विद्वान अपने अंदर तीव्र बुद्धि, जिज्ञासु आदि गुणों का विकास करता है और विद्वान कहलाता है। महात्मा गांधी जैसे लोगों ने अपने चरित्र का विकास इतने उच्च स्तर पर किया कि वह महान या महात्मा कहलाए। हम किसी भी व्यक्ति को उनके गुणों और कार्यों के आधार पर पहचानते हैं।
चरित्र ' मनुष्य का आभूषण है। चरित्र मनुष्य के स्वभाव/व्यक्तित्व को दर्शाता है। एक मनुष्य की पहचान उसकी धन-दौलत से नहीं बल्कि उसके चरित्र से होती है। मनुष्य के पास कितना ही धन क्यों न हो यदि उसका चरित्र अच्छानहीं है, तो वह धन उसे समाज में मान-सम्मान व प्रतिष्ठा नहीं दिला सकता। इस संसार के अंदर अनगिनत मनुष्य विद्यमान हैं। सब अलग-अलग व्यक्तित्व के स्वामी हैं परन्तु जिसका व्यक्तित्व (चरित्र) श्रेष्ठ होता है, वही संसारके सम्मुख आदर व प्रेम पाता है। गांधीजी ऐसे ही व्यक्तियों में से एक थे।गांधी जी सत्यवादी, अहिंसाप्रिय, सदाचारी, देशभक्त, धार्मिक, विद्वान, कर्तव्यनिष्ठ, दृढ़ निश्चयी व्यक्ति थे। आज वह संसार में आदर्श चरित्र केरूप में जाने जाते हैं। उनके चरित्र की ये खास बातें ही थीं, जिन्होंने लोगों को उनकी ओर आकर्षित किया। लोगों ने किसी भय या लालच से उनका आदर नहीं किया। उनके चरित्र में विद्यमान गुणों ने लोगों को उनका आदर करने परविवश किया। हर मनुष्य के अंदर अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के गुण विद्यमान होते हैं। परन्तु वह अपने चरित्र निर्माण में किसे अधिक महत्व देता है, यह उस पर निर्भर करता है। एक वीर अपने अंदर वीरता, साहस, दृढ़ निश्चय, समझदारी के गुणों का विकास करता है और वीर कहलाता है। एक चोर अपने अंदर लालच, हत्या, जालसाज़ी, चालाकी आदि गुणों का विकास करता है और चोर कहलाता है। एक विद्वान अपने अंदर तीव्र बुद्धि, जिज्ञासु आदि गुणों का विकास करता है और विद्वान कहलाता है। महात्मा गांधी जैसे लोगों ने अपने चरित्र का विकास इतने उच्च स्तर पर किया कि वह महान या महात्मा कहलाए। हम किसी भी व्यक्ति को उनके गुणों और कार्यों के आधार पर पहचानते हैं।
isha12362:
aapko?
Similar questions