Hindi, asked by harsh46097, 1 year ago

nibandh on Dussehra one paragraph

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Answered by adityamishra25
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The festival of Dussehra is also known as Vijayadashmi and celebrated with great joy and enthusiasm by the Hindu people all over the India. It is one of the most important religious festivals of the India. According to the historical beliefs and most famous Hindu scripture, the Ramayana, it has been mentioned that Lord Rama had performed a chandi-puja (holy prayer in order to get blessings of the Goddess Durga Mata to kill the powerful demon, Ravana. Ravana was ten-headed demon king of the Sri Lanka who had kidnapped the wife of Lord Rama, Seeta to take revenge of his sister, Suparnakha. From then, the day Lord Rama killed Ravana was started celebrating as the Dussehra festival.
Answered by vamritaeunameun
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दशहरा हिन्दू धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे पूरे उत्साह के साथ पूरे देश में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा लगातार दस दिन तक मनाया जाता है। पहले नौ दिन तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है इसीलिये इसे दशहरा कहते है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण का पुतला जला कर मनाते है। दशहरा का ये पर्व सितंबर और अक्टूबर के महीने में दिवाली के दो या तीन हफ्ते पहले पड़ता है। हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा के द्वारा इस त्यौहार को मनाया जाता है तथा इसमें प्रभु राम और देवी दुर्गा के भक्त पहले या आखिरी दिन या फिर पूरे नौ दिन तक पूजा-पाठ या व्रत रखते है। नवरात्र को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है जब देवी दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है।

दशहरा या विजयदशमी के अवसर पर राम लीला या बड़े मेले के आयोजन के द्वारा के लोग दसवाँ दिन मनाते है जहाँ भगवान राम के नाटकीय मंचन के द्वारा ऐतिहासिक जीवन को दिखाया जाता है। विजयदशमी मनाने के पीछे राम लीला का उत्सव पौराणिक कथाओं को इंगित करता है। ये सीता माता के अपहरण के पूरे इतिहास को बताता है, असुर राजा रावण, उसके पुत्र मेघनाथ और भाई कुम्भकर्ण की हार और अंत तथा राजा राम की जीत को दर्शाता है। वास्तविक लोग राम, लक्ष्मण और सीता तथा हनुमान का किरदार निभाते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण का पुतला बनाया जाता है। अंत में बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाने के लिये रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले जला दिये जाते है और पटाखों के बीच इस उत्सव को और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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