nibandh on freindship in hindi
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दोस्ती दो लोगों के बीच में एक समर्पित रिश्ता होता है जिसमें एक-दूसरे के लिये बिना किसी इच्छा और गलतफहमी के दोनों के पास प्यार, देखभाल और लगाव होता है। आमतौर पर दोस्ती एक जैसे पसंद, एहसास, और विचारों को रखने वाले के मध्य में होती है। ऐसा माना जाता है कि मित्रता में उम्र, लिंग, पद, जाति, धर्म और संप्रदाय की कोई सीमा नहीं होती लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि आर्थिक अंतर और दूसरे भेद दोस्ती को खराब कर देते हैं। इसलिये ऐसा कहा जा सकता है कि सच्ची मित्रता एक जैसे दिमाग और समान हैसियत वाले लोगों के बीच में संभव है।
इस दुनिया में बहुत सारे दोस्त हैं जो समृद्धि के समय हमेशा एक-साथ रहते हैं लेकिन सच्ची, समझदार और भरोसेमंद दोस्ती वो है जो मित्र के बुरे समय में भी साथ रहे। हमारा बुरा समय हमें अच्छे और बुरे दोस्तों की पहचान करा देता है। स्वाभाव से हरेक को पैसे का आकर्षण होता है लेकिन सच्चे मित्र हमें कभी भी बुरा एहसास नहीं करवाते जब हमें पैसे या किसी सहायता की जरुरत होती है। हालांकि, कई बार दोस्तों से पैसा उधार लेना मित्रता को खतरे में डाल देता है। दोस्ती किसी भी समय दूसरों या खुद से प्रभावित हो सकती है इसलिये हमें इस रिश्ते में संतुलन बना कर चलना चाहिये।
कई बार मित्रता खुद के अहम् या आत्म-सम्मान के कारण टूट जाती है। सच्ची दोस्ती में उचित समझ, संतुष्टि, मदद करने की भावना तथा भरोसा होना चाहिये। सच्चे दोस्त कभी शोषण नहीं करते बल्कि जीवन में सही कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। लेकिन कई बार कुछ झूठे और मक्कार दोस्तों की वजह से दोस्ती का मतलब पूरी तरह से बदल जाता है जो हमेशा किसी दूसरे का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग तुरंत दोस्त बनाना चाहते हैं और स्वार्थ की पूर्ति होते ही दोस्ती को खत्म कर देते हैं। दोस्ती के बारे में कुछ भी गलत कहना मुश्किल है लेकिन ये सत्य है कि किसी भी बेपरवाह इंसान को दोस्ती में ठगा जा सकता है। आज के दिनों में, अच्छे और बुरे लोगों के भीड़ के बीच में अच्छी दोस्ती मिलना बहुत कठिन है लेकिन अगर किसी के पास सच्चा दोस्त है तो उससे ज्यादा भाग्यशाली इस दुनिया में कोई नहीं है।
सच्ची दोस्ती इंसान की इंसान के साथ और इंसान की जानवर के साथ भी हो सकती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अच्छा मित्र हमारे जीवन के खराब दिनों में मदद करता है। दोस्त हमेशा हमें खतरों से बचाता है साथ ही समय से सलाह भी देता है। सच्चे दोस्त हमारे जीवन की संपत्ति के समान है क्योंकि वो हमारे दुख, दर्द और सच्चाई को हमसे बाँटते हैं और हमें खुश रखते हैं।
इस दुनिया में बहुत सारे दोस्त हैं जो समृद्धि के समय हमेशा एक-साथ रहते हैं लेकिन सच्ची, समझदार और भरोसेमंद दोस्ती वो है जो मित्र के बुरे समय में भी साथ रहे। हमारा बुरा समय हमें अच्छे और बुरे दोस्तों की पहचान करा देता है। स्वाभाव से हरेक को पैसे का आकर्षण होता है लेकिन सच्चे मित्र हमें कभी भी बुरा एहसास नहीं करवाते जब हमें पैसे या किसी सहायता की जरुरत होती है। हालांकि, कई बार दोस्तों से पैसा उधार लेना मित्रता को खतरे में डाल देता है। दोस्ती किसी भी समय दूसरों या खुद से प्रभावित हो सकती है इसलिये हमें इस रिश्ते में संतुलन बना कर चलना चाहिये।
कई बार मित्रता खुद के अहम् या आत्म-सम्मान के कारण टूट जाती है। सच्ची दोस्ती में उचित समझ, संतुष्टि, मदद करने की भावना तथा भरोसा होना चाहिये। सच्चे दोस्त कभी शोषण नहीं करते बल्कि जीवन में सही कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। लेकिन कई बार कुछ झूठे और मक्कार दोस्तों की वजह से दोस्ती का मतलब पूरी तरह से बदल जाता है जो हमेशा किसी दूसरे का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग तुरंत दोस्त बनाना चाहते हैं और स्वार्थ की पूर्ति होते ही दोस्ती को खत्म कर देते हैं। दोस्ती के बारे में कुछ भी गलत कहना मुश्किल है लेकिन ये सत्य है कि किसी भी बेपरवाह इंसान को दोस्ती में ठगा जा सकता है। आज के दिनों में, अच्छे और बुरे लोगों के भीड़ के बीच में अच्छी दोस्ती मिलना बहुत कठिन है लेकिन अगर किसी के पास सच्चा दोस्त है तो उससे ज्यादा भाग्यशाली इस दुनिया में कोई नहीं है।
सच्ची दोस्ती इंसान की इंसान के साथ और इंसान की जानवर के साथ भी हो सकती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अच्छा मित्र हमारे जीवन के खराब दिनों में मदद करता है। दोस्त हमेशा हमें खतरों से बचाता है साथ ही समय से सलाह भी देता है। सच्चे दोस्त हमारे जीवन की संपत्ति के समान है क्योंकि वो हमारे दुख, दर्द और सच्चाई को हमसे बाँटते हैं और हमें खुश रखते हैं।
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'दोस्ती'
यदि माता-पिता और भाई-बहन के बाद कोई भी संबंध रहता है तो दोस्ती है। दोस्ती नहीं दिखाया गया है, लेकिन चित्रित किया गया है ।
एक सच्चा मित्र पत्थरों में मणि के समान होता है अर्थात उसे प्राप्त करना कठिन होता है। एक सच्चा दोस्त अपने साथी को कभी भी लाचार परिस्थितियों में नहीं छोड़ता, बल्कि उसके दर्द को हल करने की कोशिश करता है ।
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