nibandh on 'gehu ke saath ghun bhi pista hai'
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आपका उतर
इस कार
है-
गेहूं के साथ घनु भी पसता है। यह वाय एकदम सय हैयक दोषी तो अपने दोष के कारण सज़ा पाता है पर दोषी के साथ रहने वाले बना दोष के दंड के भागीदार बन जाते ह। साथ रहने म लाभ भी होता हैऔर हान भी हो सकती है। मगर बरुे यितय के साथ रहने से नकु सान ह होता है। जसै नोटबंद म नकल नोट चलाने वाले और जमाखोर को तो सज़ा मल और उह नकु सान उठाना पड़ा, अय लोग भी इसम घनु क तरह पसे। उनको भी कट उठाना पड़ा।
गेहूं के साथ घनु भी पसता है। यह वाय एकदम सय हैयक दोषी तो अपने दोष के कारण सज़ा पाता है पर दोषी के साथ रहने वाले बना दोष के दंड के भागीदार बन जाते ह। साथ रहने म लाभ भी होता हैऔर हान भी हो सकती है। मगर बरुे यितय के साथ रहने से नकु सान ह होता है। जसै नोटबंद म नकल नोट चलाने वाले और जमाखोर को तो सज़ा मल और उह नकु सान उठाना पड़ा, अय लोग भी इसम घनु क तरह पसे। उनको भी कट उठाना पड़ा।
ranjanakaupranjana:
i know tht its too short..
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