nibandh on hamara desh Bharat in hindi
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Essay : (हमारा देश भारत) HAMARA DESH BHARAT Nibandh in Hindi
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हमारा देश भारत पर निबंध (Hamara Desh Bharat Essay in Hindi):
Given below some lines of Short Essay / Nibandh on Hamara Desh Bharat in Hindi.
हमारे देश का नाम भारत है। यह एक विशाल देश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में सातवां स्थान है जबकि जनसंख्या की दृष्टि से चीन के बाद भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। हमारे देश कि राजधानी नई दिल्ली है।
भारत एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। यह एक धर्म-निरपेक्ष देश है। भारत का संविधान सर्वोपरि है एवं भारत के संविधान ने हर नागरिक को समान अधिकार दिए है। हमारे देश कर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है।
भारत में प्रति वर्ष छः ऋतुएँ आती हैं। प्रत्येक ऋतु अपने-अपने स्थान पर महत्वपूर्ण होती है। ऋतु हमारे देश को विविधता प्रदान करती हैं।
भारत के उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत है। यह पर्वत विशाल है। यह सबसे ऊंचा पर्वत है। इसका शिखर आकाश चूमता है। हिमालय को पर्वतों का राजा भी कहा जाता है। इसके शिखर पर सदैव बर्फ बहती है। यह एक प्रहरी की तरह भारत देश की रक्षा करता है।
हमारे देश में अनेक नदियां बहती हैं। इनमें गंगा सबसे पवित्र नदी है। गंगा का जल पवित्र होता है। इसके तट पर अनेक तीर्थ स्थान हैं। गंगा नदी के जल से कृषि कार्य होता है। नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी आदि अन्य विशाल नदियां हैं। इनका जल भी सिंचाई के कार्य आता है।
भारतवर्ष में अनेक प्रदेश हैं। यहाँ विभिन्न धर्म और जातियों के लोग बसते हैं। पंजाब प्रदेश में सिख बसते हैं। अनेक प्रदेशों में मुस्लिम बसते हैं। भारत हिन्दू बाहुल्य देश है। लोग प्रादेशिक भाषा ज्यादा बोलते हैं। विविध भाषा के प्रयोग एवं विभिन्न धर्म और जातियों के बावजूद भारत के लोगों में आपसी प्यार व भाई-चारा है। यह अनेकता में एकता का प्रतीक है। वास्तव में, हमारा देश महान है। "मेरा भारत महान"।
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Explanation:
भारत एक विशाल देश है । क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से यह दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है । जनसंख्या के हिसाब से इसका स्थान संसार में दूसरा है । हमारा देश दुनिया के विकासशील देशों की श्रेणी में आता है । यह तीव्र गति से विकासमान है । इक्कीसवीं सदी में भारत विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा होने के लिए लालायित हो उठा है ।
हमारे देश का यह नाम सूर्यवंशी राजा ‘ भरत ‘ के नाम पर पड़ा । ‘ भरत ‘ दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र थे । उनके नाम पर यह देश भारत कहलाया । भारत के अतिरिक्त इसे हिन्दुस्तान, इंडिया, आर्यावर्त्त आदि नामों से भी जाना जाता है । यह वह देश है जहाँ सिंधु घाटी की नगरीय सभ्यता का विकास हुआ । यह वह पवित्र भूमि है जहाँ हिन्दू संस्कृति फली-फूली और वेदों की ऋचाएँ लिखी गई । कृष्ण, राम, गौतम बुद्ध, महावीर और नानक इसी भूमि पर अवतरित हुए । इसी धर्मभूमि पर कबीर, रविदास, तुलसीदास, गालिब, रहीम, सूरदास, गाँधी जैसे संत और कवि जन्मे । यहीं पर धर्म ने अपनी ऊँचाइयों को छूआ ।
भौगोलिक दृष्टि से भारत एशिया महाद्वीप में तीन तरफ से समुद्र से घिरा देश है । इसके उत्तर की ओर हिमालय की विश्वविख्यात शृंखला है । पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिन्द महासागर है । भारत में पठार, पर्वत, नदी, वन, झरने, झीलें आदि सब कुछ हैं । दक्षिण भारत का एक बड़ा भाग पठारी है । गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना कावेरी, सतलुज आदि यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं । यहाँ के लगभग 20 प्रतिशत भूभाग पर वन हैं । उत्तर में समतल मैदान हैं । यहाँ की जलवायु उष्ण है । समुद्र की दूरी और समुद्र तल से ऊँचाई के हिसाब से कहीं सम तो कहीं विषम जलवायु पाई जाती है । यहाँ मुख्य रूप से चार ऋतुएँ आती हैं-शीत, बसंत, ग्रीष्म और वर्षा ।
प्राचीन भारत धन- धान्य से परिपूर्ण था । प्राकृतिक रूप से सब कुछ संतुलित था । लोग सुखी थे । फिर इस देश पर विदेशों से आए लोग राज करने लगे । लगभग हजार वर्ष तक देश गुलामी की स्थिति में रहा । अंत में 15 अगस्त, 1947 को देश स्वतंत्र हो गया । भारत पुन: शक्ति और सामर्थ्य अर्जित करने की राह पर चल पड़ा । संकीर्ण जातिगत मान्यताएँ मिटीं और जनता का शासन आरंभ हुआ । लोकतंत्र के इस युग में सभी भारतीयों को अपनी उन्नति के समान अवसर प्राप्त हैं । लोकतंत्र से भारत को बहुत लाभ हुआ है । बेरोजगारी मिटी है, निरक्षरता घटी है । यहाँ उद्योग-धंधों का प्रचुर विकास हुआ है । कृषि के क्षेत्र में भी आशातीत प्रगति हुई है । भारत की विकास दर तेज है । हमारी सेनाएँ देश की रक्षा में संलग्न हैं । भारत विश्व की एक बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है ।
भारत में धर्म ने ऊँचाइयों को छुआ है । इसने विश्व को शांति, सत्य और अहिंसा का उपदेश दिया । कृष्ण ने लोगों को कर्मयोग का पाठ पढ़ाया । राम ने मर्यादा का आचरण सिखलाया । गौतम बुद्ध और महावीर ने संसार को अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने की सीख दी । कबीर ने धार्मिक आडंबर की भर्त्सना की । गाँधी ने भारत की खोयी प्रतिष्ठा लौटाई । प्राचीन ऋषि-मुनियों ने अपने आचरण से तत्कालीन समाज को धर्म पर चलना सिखाया । शंकराचार्य ने भारत की सांस्कृतिक एकता की नींव मजबूत की ।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश का नवनिर्माण आरंभ हुआ । हिन्दी को देश की राष्ट्रभाषा बनाई गई । अन्य प्रमुख भाषाओं को भी संविधान में स्थान दिया गया । बाघ राष्ट्रीय पशु, कमल राष्ट्रीय पुष्प, तिरंगा राष्ट्रीय झंडा और सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया चिह्न राष्ट्रीय प्रतीक बना । मोर को राष्ट्रीय पशु बनाया गया । हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया गया ।
भारत की संस्कृति बहुरंगी है । यहाँ हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध आदि विभिन्न संप्रदायों के लोग रहते हैं । यहाँ विभिन्न प्रकार की बोलियों एवं भाषाएँ बोली जाती हैं । यहाँ आर्य, द्रविड़, आदिवासी आदि विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं । फिर भी सब भारतीय हैं । रीति-रिवाज, पहनावा, खान-पान और मान्यताओं के अलग होने पर भी सभी एक राष्ट्र के संविधान में आस्था रखते हैं । भारतीयता सबमें विद्यमान है । कभी झगड़े और धार्मिक उन्माद भी होते हैं, पर भारतीयता का तत्व फिर से मजबूत हो जाता है ।