Hindi, asked by Sanya49503, 11 months ago

Nibandh on lo aaya rituraj vasant with ruprekha ​

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Answered by manansharma12290603
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भारत देश में निश्चित समय पर ऋतुओं का परिवर्तन होता रहता है । सभी ऋतुएँ अपना महत्व एवं प्रभाव छोड़ती हैं । ग्रीष्म ऋतु में मनुष्य सूर्य की तीव्र उष्णता का अनुभव करता है तो शरद ऋतु में ठंड से कंपकंपाहट का ।

इसी प्रकार वर्षा ऋतु में अधिक वर्षा से उसके सारे कार्य रुक जाते हैं । इसके विपरीत बसंत ऋतु में वातावरण इतना सुवासित व सुमधुर होता है कि संपूर्ण जनमानस इसे ‘ऋतुराज’ की संज्ञा देता है । ऋतुराज बसंत वास्तविक रूप में ऋतु शिरोमणि है ।

अंग्रेजी तिथि के अनुसार बसंत 22 फरवरी से लेकर 22 अप्रैल तक रहता है परंतु हमारी भारतीय गणना के अनुसार यह ऋतु फाल्गुन माह से बैशाख माह तक रहती है । इस ऋतु काल में ही संवत् वर्ष एवं सौर वर्ष का नया चंद्र प्रारंभ होता है । पौराणिक मान्यताओं के आधार पर यह ऋतु भगवान कामदेव के पुत्र बसंत के आगमन का प्रतीक है । सौंदर्य, रंग-रूप के प्रतीक कामदेव के पुत्रोत्पत्ति का सुखद समाचार पाकर संपूर्ण धरा प्रफुल्लित हो उठी थी ।

ऋतुराज बसंत का आगमन बच्चे, बूढ़े, युवक आदि प्रत्येक वर्ग के लोगों के लिए सुखदायी होता है । इसके अगमन से पूर्व शरद ऋतु की भीषण ठंड दूर हो जाती है । शरद ऋतु की कंपन से दूर यह ऋतु सृष्टि में नवीनता का प्रतिनिधि बनकर आती है । इसके आगमन के समय वातावरण में न विशेष गरमी होती है और न ही ठंड । हर ओर सुवासित वायु लोगों के मन को आकृष्ट करती है ।

ऋतुराज बसंत के आगमन पर संपूर्ण धरती मानो खुशी से झूम उठती है । पेड़-पौधे, फूल-पत्तियाँ आदि सभी ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे बसंत के आगमन पर खुशी में नृत्य कर रहे हैं । वन, उपवन, गली-कूचे, गाँव, घर सभी ओर बसंत ऋतु की छटा देखते ही बनती है । इस ऋतु में पूरी धरती पर हरियाली छा जाती है । धरती पर बिछी हरी-हरी घास व वातावरण में सब ओर नवीनता मन को अत्यधिक प्रफुल्लित करती है ।

Answered by anshumanshukla77
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वसंत ऋतु तीन महीने की होती है हालांकि, इसकी चारों ओर की सुन्दरता के कारण ऐसा लगता है कि, यह बहुत थोड़े समय के लिए ही रहती है। पक्षी वंसत ऋतु के स्वागत में मीठी आवाज में गाना गाना शुरु कर देते हैं। तापमान सामान्य रहता है, इस मौसम में न तो बहुत अधिक सर्दी होती है और न ही बहुत अधिक गर्मी। चारों ओर की हरियाली के कारण यह हमें ऐसा महसूस कराता है कि, पूरी प्रकृति ने स्वंय को हरी चादर से ढक लिया है। सभी पेड़ और पौधे नया जीवन और नया रुप प्राप्त करते हैं, क्योंकि उनकी शाखाओं पर नई पत्तियाँ और फूल विकसित होते हैं। फसलें खेतों में पूरी तरह से पक जाती है और सभी तरफ वास्तविक सोने की तरह दिखती है।

बसंत ऋतु का स्वागत

पेड़-पौधों की शाखाओं पर नई और हल्की हरी पत्तियाँ आना शुरु होती है। सर्दियों की लम्बी खामोशी के बाद, पक्षी हमारे चारों ओर घर के पास और आसमान में चहचहाना शुरु कर देते हैं। वसंत ऋतु के आगमन पर, वे स्वयं को तरोताजा महसूस करते हैं और अपनी खामोशी को मीठी आवाज के द्वारा तोड़ते हैं। उनकी गतिविधियाँ हमें यह महसूस कराती है कि, वे बहुत खुशी महसूस कर रहे हैं और भगवान को इस अच्छे मौसम को देने के लिए धन्यवाद कह रहे हैं। ये ऋतुएँ एक-एक करके आती हैं और भारत माता का श्रृंगार करती हैं और चली जाती है। सभी ऋतुओं की अपनी-अपनी शोभा होती है।

ऋतुओं का राजा

बसंत ऋतु की शोभा सबसे निराली होती है। बसंत ऋतु का ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ स्थान होता है इसी वजह से यह ऋतुओं की राजा मानी जाती है। भारत की प्रसिद्धि का कारण उसकी प्राकृतिक शोभा होती है। लोग अपने आप को धन्य मानते हैं जो इस पृथ्वी पर रहते हैं। इस मौसम की शुरूआत में, तापमान सामान्य हो जाता है, जो लोगों को राहत महसूस कराता है, क्योंकि वे शरीर पर बिना गरम कपड़ों को पहने बाहर जा सकते हैं। अभिभावक सप्ताह के अन्त के दौरान बच्चों के साथ मस्ती करने के लिए पिकनिक का आयोजन करते हैं। फूलों की कलियाँ अपने पूरे शबाव में खिलती है और प्रकृति का स्वागत अच्छी मुस्कान के साथ करती है। फूलों का खिलना चारों ओर खुशबू को फैलाकर बहुत सुन्दर दृश्य और रोमांचित भावनाओं का निर्माण करता है।

मनुष्य और पशु-पक्षी स्वस्थ, सुखी और सक्रिय महसूस करते हैं। लोग सर्दियों के मौसम में बहुत कम तापमान के कारण अपने रुके हुए कार्य और योजनाओं को इस मौसम में करना शुरु करते हैं। वसंत का बहुत ठंडा वातावरण और बहुत सामान्य तापमान लोगों को बिना थके बहुत अधिक कार्य करने के लिए तैयार करता है। सभी सुबह से शाम तक बहुत अच्छे से दिन की शुरुआत करते हैं, यहाँ तक कि, बहुत अधिक भीड़ होने के बाद भी तरोताजा और राहत महसूस करते हैं।

निष्कर्ष

किसान बहुत अधिक खुश और राहत महसूस करते हैं, क्योंकि वे नई फसल को बहुत महीनों की कठिन मेहनत के बाद अपने घर पुरस्कार के रुप में सफलता पूर्वक लाते हैं। हम होली, हनुमान जयंती, नवरात्री और अन्य त्योहार अपने मित्रों, परिवार के सदस्यों, पड़ौसियों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर मनाते हैं। वसंत ऋतु, हमारे और पूरे वातावरण को प्रकृति की ओर से बहुत अच्छा तौहफा है और हमें बहुत अच्छा संदेश देती है कि, सुख और दुख एक के बाद एक आते जाते रहते हैं। इसलिए कभी भी बुरा महसूस नहीं करना चाहिए और धैर्य रखना चाहिए, क्योंकि हमेशा काली घनी रात के बाद सुबह अवश्य होती है।

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