nibandh on padai se vanchit bachpan
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★पढ़ाई से वंचित बचपन ★
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हमारे लिए हरकोई इतना कुछ सोचता है। हमारा परिवार हमसे जुड़े हर लोग लेकिन जिन बच्चों का परिवार नही उनका बचपन बोहोत दुखमय व्यतीत होता है।
पढ़ाई वो चीज है जिसके बल पे हम कुछ व कर सकते हैं ।
हमारा अधिकार है कि हम पढ़े , लेकिन अगर बच्चे नही पढ़पा रहे हैं तो भविष्य में उन्हें बोहोत सी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा । वह सिर्फ अपना गुजारा तक करना पायेगा ।
बचपन से ही उन्हें वह शिक्षा मिलना चाहिए ।
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क्षमा करें अगर कुछ गलत लिखा हुन तो ।
कृपया brainliest mark करें
★★★★★★ ★ ★ ★★★★★★
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हमारे लिए हरकोई इतना कुछ सोचता है। हमारा परिवार हमसे जुड़े हर लोग लेकिन जिन बच्चों का परिवार नही उनका बचपन बोहोत दुखमय व्यतीत होता है।
पढ़ाई वो चीज है जिसके बल पे हम कुछ व कर सकते हैं ।
हमारा अधिकार है कि हम पढ़े , लेकिन अगर बच्चे नही पढ़पा रहे हैं तो भविष्य में उन्हें बोहोत सी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा । वह सिर्फ अपना गुजारा तक करना पायेगा ।
बचपन से ही उन्हें वह शिक्षा मिलना चाहिए ।
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canjali837p9opt7:
THANKS
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#Ur Ans
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भारत में प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत करने का मूल कारण था उन व्यक्तियों तक शिक्षा को पहुँचाना जो बचपन से ही मूल शिक्षा से वंचित रह गए है
भारत में प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय की खोज नेशनल फंडामेंटल एजुकेशन सेंटर के अन्तर्गत की गयी थी जो की भारतीय सरकार द्वारा 1956 में स्थापित किया गया था| बाद में प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय को प्रौढ़ शिक्षा विभाग के नाम से जाना गया जो राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अधीन आने वाले राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान का हिस्सा बन गया| प्रौढ़ शिक्षा में बढ़ती हुई रूचि और शैक्षणिक गतिविधियां को देखते हुए भारतीय सरकार ने भी इसे प्रोत्साहित किया और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद से अलग करते हुए इसे एक पृथक संस्था बना दिया|
भारत में बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही निरक्षरता को कुछ हद तक काबू करने के लिए प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत की गयी है| कोई भी व्यक्ति जो अपनी जिंदगी में किसी भी कारणवश मूल शिक्षा से वंचित रह गया है और अगर ऐसा महसूस करता है की उसे बुनियादी शिक्षा या पेशेवर शिक्षा का ज्ञान होना चाहिए तो वह सरकार द्वारा चलाये जा रहे प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत अपना नाम दर्ज करवा सकता है| प्रौढ़ शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार द्वारा काफी ऐसी योजनाएं चलायी जा रही है जिससे वे व्यक्ति जिन्हें मूल शिक्षा का ज्ञान नहीं है अपना नाम दर्ज करवा शिक्षा ग्रहण करके अपना आने वाला कल उज्जवल कर सकते है| इसी का एक प्रमुख उदहारण है राष्ट्रीय साक्षरता मिशन जो की सरकार ने 1988 से प्रारंभ किया|
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भारत में प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत करने का मूल कारण था उन व्यक्तियों तक शिक्षा को पहुँचाना जो बचपन से ही मूल शिक्षा से वंचित रह गए है
भारत में प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय की खोज नेशनल फंडामेंटल एजुकेशन सेंटर के अन्तर्गत की गयी थी जो की भारतीय सरकार द्वारा 1956 में स्थापित किया गया था| बाद में प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय को प्रौढ़ शिक्षा विभाग के नाम से जाना गया जो राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अधीन आने वाले राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान का हिस्सा बन गया| प्रौढ़ शिक्षा में बढ़ती हुई रूचि और शैक्षणिक गतिविधियां को देखते हुए भारतीय सरकार ने भी इसे प्रोत्साहित किया और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद से अलग करते हुए इसे एक पृथक संस्था बना दिया|
भारत में बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही निरक्षरता को कुछ हद तक काबू करने के लिए प्रौढ़ शिक्षा की शुरुआत की गयी है| कोई भी व्यक्ति जो अपनी जिंदगी में किसी भी कारणवश मूल शिक्षा से वंचित रह गया है और अगर ऐसा महसूस करता है की उसे बुनियादी शिक्षा या पेशेवर शिक्षा का ज्ञान होना चाहिए तो वह सरकार द्वारा चलाये जा रहे प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत अपना नाम दर्ज करवा सकता है| प्रौढ़ शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार द्वारा काफी ऐसी योजनाएं चलायी जा रही है जिससे वे व्यक्ति जिन्हें मूल शिक्षा का ज्ञान नहीं है अपना नाम दर्ज करवा शिक्षा ग्रहण करके अपना आने वाला कल उज्जवल कर सकते है| इसी का एक प्रमुख उदहारण है राष्ट्रीय साक्षरता मिशन जो की सरकार ने 1988 से प्रारंभ किया|
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