nibandh on pradushan :karan or nivaran in 100 words in hindi
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प्रस्तावना : विज्ञान के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले है, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप हैं जो विज्ञान की कोख में से जन्मा हैं और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर हैं।
प्रदूषण का अर्थ : प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना।
प्रदूषण कई प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण हैं - वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण ।
वायु-प्रदूषण : महानगरों में यह प्रदूषण अधिक फैला है। वहां चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुआं, मोटर-वाहनों का काला धुआं इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है। मुंबई की महिलाएं धोए हुए वस्त्र छत से उतारने जाती है तो उन पर काले-काले कण जमे हुए पाती है। ये कण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ों में चले जाते हैं और असाध्य रोगों को जन्म देते हैं! यह समस्या वहां अधिक होती हैं जहां सघन आबादी होती है, वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है।
जल-प्रदूषण : कल-कारखानों का दूषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गंधित जल सब नाली-नालों में घुल मिल जाता है। इससे अनेक बीमारियां पैदा होती है।
ध्वनि-प्रदूषण : मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परन्तु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटर-गाड़ियों की चिल्ल-पों, लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।
प्रदूषणों के दुष्परिणाम: उपर्युक्त प्रदूषणों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लम्बी सांस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करती हैं। भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए, कितने ही अपंग हो गए। पर्यावरण-प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है, न सर्दी-गर्मी का चक्र ठीक चलता है। सुखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोपों का कारण भी प्रदूषण है।
प्रदूषण के कारण : प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है।
सुधार के उपाय : विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हों। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।
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प्रदूषण; इसके कारण और समाधान
Explanation:
पर्यावरण प्रदूषण तब होता है जब प्रदूषक प्राकृतिक परिवेश को दूषित करते हैं। प्रदूषण हमारे पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बिगाड़ता है, हमारी सामान्य जीवन शैली को प्रभावित करता है और मानव बीमारियों और ग्लोबल वार्मिंग को जन्म देता है। हमारे जीवन में विकास और आधुनिकीकरण के कारण प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, मानव क्षमता में भारी वृद्धि हुई है। लोग अपनी ही रचनाओं के कैदी बन गए हैं।
जीवाश्म ईंधन के जलने, कृषि संबंधी गतिविधियों, खनन कार्यों, उद्योगों और कारखानों से निकास, और घरेलू सफाई उत्पादों से वायु प्रदूषण होता है। लोग हर दिन हवा में भारी मात्रा में रासायनिक पदार्थ छोड़ते हैं।
मृदा प्रदूषण तब होता है जब मिट्टी में प्रदूषक, संदूषक और जहरीले रसायनों की उपस्थिति उच्च सांद्रता में होती है, जिसका वन्यजीवों, पौधों, मनुष्यों और भूजल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
जल प्रदूषण हमारी दुनिया को विनाश के रास्ते पर ले जाने में सक्षम है। पानी पूरी मानवता का सबसे बड़ा प्राकृतिक संसाधन है। बिना पानी के कुछ नहीं रह पाएगा। हालांकि, हम प्रकृति के इस उपहार की सराहना नहीं करते हैं और इसे बिना सोचे-समझे प्रदूषित करते हैं। जल प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं: औद्योगिक कचरा, खनन गतिविधियाँ, सीवेज
पर्यावरण प्रदूषण ने जानवरों और इंसानों दोनों के जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। वर्तमान पर्यावरणीय मुद्दों को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका संरक्षण विधियों को लागू करना और सतत विकास रणनीति बनाना है। हमें अपने पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय खोजने चाहिए।
प्रभावी उपाय
सबसे पहले, हमें टिकाऊ परिवहन विकल्प बनाना चाहिए। हमें जब भी संभव हो सार्वजनिक परिवहन, पैदल चलना या बाइक की सवारी करना चाहिए, अपनी यात्राओं को समेकित करें, और इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर विचार करें। स्थायी भोजन विकल्प बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। जब भी संभव हो स्थानीय भोजन चुनें; व्यवस्थित रूप से उगाई गई सब्जियां और फल खरीदें या अपना खुद का विकास करें।
लोगों को ऊर्जा का संरक्षण करना चाहिए। जब आप कमरे में न हों तो इलेक्ट्रॉनिक्स और लाइट बंद कर दें। विचार करें कि क्या छोटे बदलाव बड़ी ऊर्जा बचत का कारण बन सकते हैं। ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग करें।
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ध्वनि प्रदूषण
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