Nibandh on pragati path par bhati nari
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भारत निरंतर प्रगति के पथ पर विकसित होता चला आ रहा है। आजाद भारत ने 60 वर्ष की यात्रा पूरी कर ली है। अब उसकी योजनाओं का सुफल मिलना शुरू हो गया है।
अपनी उपलब्धियों को हम अक्सर कमतर आँका करते हैं। गर्व की अनुभूति में वह ताकत है जो आम जन में आशाओं और उम्मीदों का नया संचार करके उन्हें सामान्य से असामान्य ऊँचाइयों तक पहुँचा देती है। गर्व की यह अनुभूति अवसाद और ना-उम्मीदी के सबसे हताशा भरे दौर में भी एक अरब लोगों के आत्मबल को ऊँचा उठा सकती है। स्वतंत्र भारत की प्रगति पर गर्व करने लायक बहुत कुछ है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हैरतअंगेज उपलब्धियाँ, अनिष्टकारी ताकतों से देश की सुरक्षा में लगी जाबाज फौज, कृषि में हरित क्रांति, फलता-फूलता स्वतंत्र मीडिया, महान् शैक्षिणक संस्थाएँ आदि। ये उपलब्धियाँ भारतीयता की भावना को बल प्रदान करते हुए मन में एहसास पैदा करती हैं कि ’अच्छे काम करो, अच्छा महसूस करो।’ ये वे चीजें हैं जो हमारा सीना गर्व से चैड़ा कर देती हैं, आँखों में खुशी के आँसू तक छलका देती हैं। भारत की प्रगति के पथ पर दर्शाने वाली कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:
अंतरिक्ष कार्यक्रम: अपने तीन दशक के अस्तित्व में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक दर्जन से अधिक आधुनिक उपग्रहों का निर्माण कर भारत को चुनिंदा देशों के अंतरिक्ष क्लब में शामिल कर दिया। इसकी शुरूआत 1975 में प्राचीन भारतीय खगोल वैज्ञानिक आर्यभट्ट के नाम वाले उपग्रह के प्रक्षेपण में हुूई। ये उपग्रह संचार, मौसम का पूर्वानुमान, प्राकृतिक संसाधनों के नक्शे तैयार करने के मकसद से छोड़े गए थे। संगठन ने इनसेट को घर-घर में प्रचारित कर दिया। आज दूरसंचार और टी.वी. प्रसारण का अधिकाशं कार्य इनसेट के जरिए ही हो रहा है और भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम हो भी इसने गति दी है। अब भारत ऐसे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए जरूरी विशालकाय राॅकेट बनाने में सक्षम हो गया है।
परमाणु शक्ति: आज भारत दुनिया का छठा परमाणु शक्ति वाला देश बन गया है। 11 मई 1998 को रक्षा अनुसंधान प्रमुख श्री ए.पी.जे. अन्दुल कलाम की अध्यक्षता में भारत ने तीन परमाणु विस्फोट किए। दुनिया और भारत का उदारपंथी खेमा भले ही बौखला उठा हो लेकिन इस टीम और उसके राजनैतिक आकाओं के लिए 1974 में किए गए परीक्षणों की तरह यह परीक्षण प्रतिरोध शक्ति देने के अलावा आत्मविश्वास बढ़ाने वाले थे। इनके चलते देश की छवि बदल गई।
भारतीय रेलवे: भारतीय रेलवे की 62,000 किमी. पटरियाँख् 7,000 स्टेशन हैं, 300 रेलवे गार्ड हैं और वह रोजाना 11,000 ट्रेनें चलाती है और एक दिन में एक करोड़ से भी ज्यादा यात्रियों को ढोती है। दुनिया की सबसे बड़ी रेल-सुरंग, दुनिया में सबसे अधिक ऊँचाई पर बना रेलवे स्टेशन, विश्व की चैथी सबसे बड़ी रेलवे-भारतीय रेलवे की विशेषता है। भारतीय रेलवे देश का सबसे बड़ा रोजगारदाता है जिसके 16 लाख स्थायी कर्मचारी हैं।
फिल्मोद्योग: परीलोक की नीली पहाड़ियों और पश्चिमी घाट से परे कहीं भारतीय सिनेमा की फैक्टरी यानी बाॅलीवुड स्थित है, जहाँ हर साल लगभग 300 फीचर फिल्में बनती हैं और हर साल 6000 करोड़ रूप्ये का राजस्व आता है, जिससे 20 लाख लोगों को रोजगार मिलता है।
सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति: सूचना पौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने जबरदस्त तरक्की है। विप्रो, टाटा कंसलटेंसी, इंफोसिस जैसी कंपनियों ने तेजी से विश्व के साथ कदम मिलाए। तहनीकी संस्थाओं को जोड़ा, परियोजनाएँ तैयार कीं। नैसकाॅम ने देश के साॅफ्टवेयर निर्यात के लिए 2008 तक 60 लाख अरब डाॅलर का लक्ष्य निर्धारित किया है।
उपर्युक्त उपलब्धियांे को दर्शाते हुए स्वतंत्र भारत के उज्जवलमय भविष्य की कामना कर सकते हैं।