Hindi, asked by Ansh8539, 1 year ago

nibandh on Prakriti Aur Hum​

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Answered by Anonymous
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प्रकृति को व्यापक अर्थ में लें तो उसमें सब कुछ शामिल होगा यानी वह सभी वस्तुएं जो हमारे आप-पास हैं और वह जो हमसे दूर हैं । हम स्वयं भी प्रकृति का एक हिस्सा है । साधारण रूप से प्रकृति में आशय उन वस्तुओं से है जो मानव निर्मित नहीं होतीं जैसे नक्षत्र, चट्टानें, पौधे एवं जानवर । इसमें हवाएं, मौसम, जीवित तथा मृत जीवों सहित सभी प्रक्रियाएं शामिल होंगी ।

यदि और सरल शब्दों में प्रकृति की व्याख्या करनी हो तो हम कहेंगे कि वे सभी वस्तुएं जो जीवित हैं व बढ़ती हैं अर्थात इस व्याख्या में हम हमारे परिवेश में पाई जाने वाली वह सभी वस्तुएं शामिल करते हैं जो जीवित रहने तथा बढ़ने की प्रक्रिया में मदद करती हैं । अत: प्रकृति का अर्थ है पेड़-पौधे व जानवर, जमीन, वायु, जल, वन, झरने तथा रेगिस्तान भी ।

Answered by 1keshav123
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विज्ञान जिस प्रकार प्रगति कर रहा है, उसी के दुष्परिणाम स्वरूप हमारी प्रकृति दूषित होती जा रही है। चारों ओर वाहनों का बढ़ता शोर, वृक्षों की कटाई, औद्योगिक इकाइयों में वृधि, स्वच्छता की भावना में कमी आदि हमारे पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं। मनुष्य प्रकृति का अभिन्न अंग है। अपने जीवन की सभी प्रकार की आवश्यकताओं के लिए वह प्रकृति पर निर्भर है। परंतु अपनी असीमित आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए वह प्रकृति का दोहन करने पर जुटा हुआ है।इसका कुपरिणाम है बढ़ता हुआ प्रदूषण। यदि पर्यावरण प्रदूषित हो तो जीवन बीमारियों और कठिनाइयों से भर जाता है। पर्यावरण की रक्षा के लिए हम महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। यदि हर नागरिक सजग हो तो पर्यावरण प्रदूषित होगा ही नहीं।

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