nibandh on probing topics Shiksha Ka Adhikar Jati Pratha Mere Jeevan Ka Lakshya
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मनुष्य तो जन्म से ही दुर्बल है । कभी भी पथभ्रष्ट हो सकता है । जैसा कि महान दार्शनिक रूसो ने कहा है मनुष्य स्वभाव से लालची है । कायर है तथा आत्मिक तौर पर तुच्छ तथा कमजोर है । अत: आदमी का कार्य ऐसा होना चाहिए जो केवल ईमानदारी से रहने के ही अवसर प्रदान करे ।
पढ़ने तथा पढ़ाने में मेरी रुचि है । भले ही यह संभव हो अथवा नहीं । मैं संसार का सभी ज्ञान प्राप्त करना चाहता हूँ । विद्या पढ़कर ज्ञान बढ़ता है । ज्ञान प्राप्त होने पर सुख की अनुभूति होती है । ज्ञान का आदान-प्रदान करने में और भी अधिक खुशी होती है
पढ़ने तथा पढ़ाने में मेरी रुचि है । भले ही यह संभव हो अथवा नहीं । मैं संसार का सभी ज्ञान प्राप्त करना चाहता हूँ । विद्या पढ़कर ज्ञान बढ़ता है । ज्ञान प्राप्त होने पर सुख की अनुभूति होती है । ज्ञान का आदान-प्रदान करने में और भी अधिक खुशी होती है
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