nibandh on pustakalaya aur uska sadupyog
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पुस्तकालय नाम से ही पता लग रहा है पुस्तकों का भण्डार | किसी भी विषय की जानकारी ले लो | पुस्तकालय शिक्षा एवं ज्ञान के प्रचार प्रसार में हमारी सहायता करते हैं। पुस्तकालय में एक ही छत के नीचे हम विभिन्न विषयों की सैकड़ों पुस्तकें उपलब्ध रहती हैं और हम सब की जानकारी ले सकते है |
पुस्तकालय एक शान्तिः से मन लगाकर पढ़ने का स्थान है | पुस्तकालय में हमें पुस्तकों के अतिरिक्त समाचार पत्र और पत्रिकायें भी पढ़ सकते है |
पुस्तकालय से हम पुस्तकें एक निर्धारित तिथि के अनुसार घर भी ले जा सकते है | पुस्तकालय में सारी पुस्तकें अपने-अपने विषय के अनुसार रखी होती है |पुस्तकालय में मिलकर भी पढ़ सकते है जैसे तैयारी करनी हो | प्रत्येक विद्यालय में एक लाइब्रेरी अथवा पुस्तकालय होता है। पुस्तकालय में सब जा सकते हैं बच्चों से लेकर बड़ो तक जिन लोगों को पढ़ने में दिलचस्पी होती है | पुस्तकालय में बातें करना, शोर मचाना, खाना पीना सब मना होता है , हमें नियमों का पालन करना चाहिए |
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आधुनिक पुस्तकालय – आधुनिक पुस्तकालय बड़े व्यवस्थित होते हैं | इनमें लाखों की संख्या में पुस्तकें संग्रहित होती हैं | सैंकड़ों पत्र-प्त्र्कायों आती हैं | आजकल इलेक्ट्रॉनिक साधन भी उपलब्ध होते हैं | अनगिनत सुविधाओं वाले ये बड़े-बड़े पुस्तकालय पूरी तरह व्यवस्थित होते हैं | ये सारी पुस्तकें विषयानुसार अलग-अलग अल्मारियों में राखी जाती हैं |
उपयोग कैसे करें – विद्यार्थियों को आरंभ से ही पुस्तकालय का उपयोग करना सीखना चाहिए | उन्हें चाहिए कि वे पुस्तकालय की नियम-व्व्स्था को भली-भांति जान लें और उसे बनाय रखने का दृढ़ संकल्प कर लें |