nibandh on Rajasthani culture in Hindi
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राजस्थान पाकिस्तान के किनारे एक उत्तरी भारतीय राज्य है इसके महल और किले ऐतिहासिक रूप से इस क्षेत्र के लिए कई विवादित कई साम्राज्यों की अनुस्मारक हैं. राजस्थान की राजधानी जयपुर / गुलाबी नगर 18 वी सदी का शहर पैलेस और शाही महिलाओं के लिए पूर्व कलस्टर, हवा महल 5 कहानी वाली गुलाबी बलुआ पत्थर की स्क्रीन सामने हैं .
देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए राजस्थान भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक हैं. राजस्थान अपने ऐतिहासिक किलों, महलों कला और संस्कृति के लिए अपने नारे पधारों म्हारे देश और अब पर्यटन का लोगो जाने क्या दिख जाए के साथ ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा हैं.
भारत आने वाले प्रति तीसरे पर्यटक राजस्थान की यात्रा जरुर करते हैं. क्योंकि यह भारत के पर्यटन स्थ्लों के स्वर्णिम त्रिभुज का अहम हिस्सा भी हैं. जयपुर के महल, उदयपुर की झीले, जोधपुर जैसलमेर और बिकानेर का मरुस्थलीय भाग पर्यटकों की पसंदीदा स्थलों में से एक हैं.
पिछले वर्षों की तुलना में राजस्थान में आठ प्रतिशत तक पर्यटन में वृद्धि दर्ज की गई हैं. यहाँ के कई ऐतिहासिक भवनों, इमारतों तथा किलों को हेरिटेज होटल की श्रेणी में रखा गया हैं. राजस्थान अपने पहाड़ी किलों और महलों के लिए विशेष रूप से जाना जाता हैं.
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Rajasthani culture
राजस्थान, भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। यहां की संस्कृति दुनिया भर में मशहूर है। राजस्थान की संस्कृति विभिन्न समुदायों और शासकों का योगदान है। आज भी जब कभी राजस्थान का नाम लिया जाए तो हमारी आखों के आगे थार रेगिस्तान, ऊंट की सवारी, घूमर और कालबेलिया नृत्य और रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान आते हैं।अपने सभ्य स्वभाव और शालीन मेहमाननवाज़ी के लिए जाना जाता है ये राज्य। चाहे स्वदेशी हो या विदेशी, यहां की संस्कृति तो किसी का भी मन चुटकियों में मोह लेगी। आखिर किसका मन नहीं करेगा रात के वक्त रेगिस्तान में आग जलाकर कालबेलिया नृत्य देखने का। जिन्होनें राजस्थान की संस्कृति का अनुभव किया है वो बहुत खुश नसीब हैं। लेकिन जो इससे अंजान हैं उन्हें हम बताएंगे इस शाही शहर की सरल लेकिन आकर्षक संस्कृति के बारे में कुछ ऐसी दिलचस्प बातें जिन्हें जानने के बाद यहां आने के लिए खुद को रोक नहीं पाएंगे।
राजस्थानी परिधान
जहां बात सभ्यता और सुंदरता को एक ही साथ जोड़ने की हो तो राजस्थानी कपड़ों के आगे कुछ नहीं टिकता। महिलाओं के लिए पारंपरिक राजस्थानी कपड़े काफी सभ्य, सुंदर और आरामदायक होते हैं। यहां की महिलाएं पारंपरिक घागरा, चोली और ओढ़नी (दुपट्टा)ल पहनती हैं। महिलाओं के ये कपड़े चटक रंग के होते हैं, जिनमें गोटा (बॉर्डर) लगा होता है। अपने से बड़ों के सामने और बाहरी लोगों के आगे महिलाएं घूंघट निकाल कर रखती हैं। इस तरह से वो उस व्यति को अपने से सम्मान देती हैं।
तो वहीं पुरुष धोती कुर्ता या कुर्ता पजामा पहनना पसंद करते हैं। इसके अलावा कुछ पुरुष सिर पर बंधेज के प्रिंट वाली सूती कपड़े की पगड़ी भी पहनते हैं। उनके लिए पगड़ी का सिर्फ सिर ढकने वली एक टोपी की तरह नहीं होती, बल्कि इज़्ज़त होती है।
राजस्थानी आभूषण
कपड़ों के बाद अब बात करते हैं राजस्थानी आभूषणों की जो ना सिर्फ राजस्थान में बल्कि अब पूरे विश्व में मशहूर हो रहे हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आभूषण केलव महिलाएं ही पहनती हैं। राजस्थान में आपको बहुत से ऐसे लोगों के गले में सोने की चेन, हाथ में पुरुषों वाली भारी सी चूड़ी और एक कान में सोने की बाली या लौंग।
इधर महिलाओं के आभूषण लोक प्रसिद्ध है। राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध और महिलाओं द्वारा सबसे ज़्यादा पसंद किया जाने वाला आभूषण है, बोरला। बोरला एक प्रकार का मांग टीका होता है जो दिखने में किसी लट्टू जैसा दिखता है। ये राजस्थान के पारंपरिक आभूषणों में से एक है। इसके अलावा महिलाएं, कमर बंद, बाजू बंद और लाख और सीप के कंगन भी पहनती हैं।
राजस्थानी लोक नृत्य
जहां बात राजस्थानी नृत्य की आती है सबसे पहले नाम आता है घूमर का। हां वही घूमर डांस जो एक फिल्म में भी किया गया था। लेकिन हकीकत में घूमर डांस इससे काफी अलग होता है जो ज्यादातर यहां कि महिलाएं ही निपुनता से कर पाती हैं। ये नृत्य देखने में भले ही आसान लगे लेकिन करने के लिए पैरों में बहुत ताकत चाहिए होती है।
इसके अलावा राजस्थान का दूसरा मशहूर लोक नृत्य है कालबेलिया डांस। पारंपरिक रूप से ये राजस्थान के बंजारनों द्वारा किया जाता है। कालबेलिया नृत्य आम लोगों द्वारा नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें लोगों के मनोरंजन के लिए कई खतरनाक कर्तब भी किए जाते हैं जैसे, कीलों पर खड़े होकर नाचना, आंखों से ब्लेड उठाना और एक उंगली पर थाल घुमाना। इन सब कर्तबों के लिए महीनों के अभ्यास की ज़रूरत होती है।
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