nibandh on vrikshon ka mahatva in 300 words
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पेड़ प्रकृति की वो देन है जिसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। पेड़ हमारा सबसे घनिष्ठ मित्र है। हमारे द्वारा लगाया गया पेड़ सिर्फ हमें ही लाभ नहीं पहुँचाता बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को लाभ पहुँचाता है।
हवा, पानी, खाने-पीने की सामग्री, ईंधन, वस्त्र, जानवरों का चारा अन्य कार्यों में प्रयोग करने के लिए लकड़ी सब हमें पेड़ों से ही मिलता है। पेड़ पर्यावरण से कार्बन डाईऑक्साईड लेकर बदले में ऑक्सीजन देते हैं।
पेड़ों पर कई जीव-जन्तु अपना घर बनाते हैं। यदि पेड़ न हों तो हम इन सब चीजों की कल्पना तक नहीं कर सकते।
लेकिन क्या मनुष्य इस प्राकृतिक संसाधन से अपना लाभ लेना ही जानता है या वह इसके संरक्षण और संवर्द्धन की और भी जागरुक है? वर्तमान की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि हम पेड़ों को बचाना तो चाहते हैं पर शायद उतना प्रयास नहीं कर पा रहे हैं जितना आवश्यक है।
ऐसी परिस्थिति धीरे-धीरे प्रकृति का संतुलन बिगड़ता जायेगा और हम प्रकृति की इस अमूल्य सम्पदा को धीरे-धीरे अन्य प्रजातियों को लुप्त कर देंगे। इस प्रकार इस धरती पर न जीवन होगा न जीव।
अतः हमें चाहिये कि हमारे आसपास हमें जितनी भी खाली भूमि दिखाई दे हम वहाँ पौधारोपण करें और कुछ न अपने घर में गमलों में ही इस अमूल्य धरोहर को संरक्षित करें। यदि यह छोटा सा कदम हर व्यक्ति उठायेगा तो यह धरती और धरती पर जीवन सब खुशहाल रहेगा।
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प्रस्तावना –
पेड़ प्रकृति की अनुपम देन है, पेड़ एक देश की बहुमूल्य संपदा होते है इन्हें हरा सोना भी कहा जाता है. जहां पर पेड़ अधिक मात्रा में होते है वहां की जलवायु स्वच्छ और सुंदर होती है.
साथ ही वहां पर जीवन जीने के लिए बहुत अधिक खनिज संपदा उपलब्ध होती है. हमारे भारत देश में तो पेड़ों की पूजा की जाती है उनको उतना ही मान सम्मान दिया जाता है जितना कि किसी मनुष्य को दिया जाता है.
लेकिन जब से हमने पश्चिमी सभ्यता को अपनाना शुरू किया है और शहरीकरण जैसे बढ़ रहा है उसके कारण पेड़ों की कटाई बहुत तेजी से हो रही है जिस तेजी से पेड़ों की कटाई हो रही है तेजी से पेड़ों को पुनः नहीं लगाया जा रहा है.
यह सिर्फ हमारे देश में ही नहीं हो रहा यह पूरे विश्व में हो रहा है. इसके कारण पृथ्वी की पूरी जलवायु और ऋतु परिवर्तन गड़बड़ा गया है.
पेड़ों के लाभ –
(1) पेड़ वातावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाते है.
(2) पेड़ हमारे वातावरण से दूषित एवं जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य गैसों को अवशोषित करके हमें स्वच्छ ऑक्सीजन प्रदान करते है.
(3) जहां पर अधिक मात्रा में पेड़ होते है वहां पर ध्वनि प्रदूषण भी बहुत कम मात्रा में होती है क्योंकि पेड़ों की सघनता आवाज को फैलने नहीं देती है.
(4) जहां पर भी पेड़ अधिक मात्रा में होती है भूमि का कटाव नहीं होता और इन की सहायता से भूमि की अम्लता में भी कमी आती है.
(5) पेड़ों की सुखी पत्तियों से हमें जैविक खाद मिलती है जो की भूमि को उपजाऊ बनाती है. इसके कारण फसल अच्छी होती है.
(6) पेड़ हमें गर्मियों में ठंडी छांव प्रदान करते है.
(7) पेड़ों के कारण ही हमारी पृथ्वी के वातावरण में समय समय पर बदलाव आता रहता है जिसके कारण पृथ्वी का संतुलन बना रहता है.
(8) पेड़ों से हमें फूल, फल, रबर, लाख, रेशम, कागज, दियासलाई, लकड़ी, जड़ी-बूटियां और अन्य खनिज पदार्थ प्राप्त होते है.
(9) पेड़ अत्यधिक तेज जल प्रवाह को रोककर बाढ़ को आने से रोकते है.
(10) वृक्षों के कारण ही हमारी वन्य जीव संपदा आज सुरक्षित है.
(11) वृक्षों के कारण ही प्रत्येक स्थान पर सही मात्रा में वर्षा होती है जिससे हमें फसल के लिए और पीने योग्य मीठा जल प्राप्त होता है.
(12) पेड़ सभी प्राणियों के जीवन के रक्षक होते है.
निष्कर्ष –
पेड़ हमारी बहुमूल्य संपदा है अगर लगातार हम इसका दोहन करते रहे तो यह संपदा समाप्त हो जाएगी फिर हमारा जीवन भी समाप्त हो जाएगा.
हमें वृक्षों की महत्वता को समझना होगा क्योंकि संपूर्ण प्रकृति के रक्षक है जब तक यह पृथ्वी पर विद्यमान है तब तक पृथ्वी पर जीवन है इन के बिना पृथ्वी सिर्फ एक सूखा और बंजर ग्रह बन जाएगा.
आज बढ़ते हुए शहरीकरण और हमारे थोड़े से स्वार्थ के कारण पेड़ों की संख्या कम हो गई है जिसका बदलाव आप देख सकते हैं कि पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और वातावरण भी संतुलित हो गया है.
इसलिए हमें आज और अभी से जागरूक होकर वृक्षों की संख्या को बढ़ाना होगा जिससे हमारा वातावरण और जीवन सुगमता चलता रहे.